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Indian Economy : भारत की आर्थिक तरक्की की रफ्तार से मूडीज हैरान, ग्रोथ का अनुमान बदलने पर हुई मजबूर

भारत आर्थिक मोर्चे पर लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहा है। उसने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सभी पूर्वानुमानों को गलत साबित करते हुए 8.2 फीसदी की शानदार जीडीपी ग्रोथ हासिल की। यही वजह है कि दुनिया भर की रेटिंग एजेंसियां भारत की जीडीपी ग्रोथ से जुड़े अनुमान को रिवाइज कर रही हैं। मूडीज (Moodys) ने 2024 के लिए भारत की ग्रोथ अनुमान को बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 04 Mar 2024 01:04 PM (IST)
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मूडीज ने पहले कहा था कि भारत की जीडीपी 6.1 फीसदी के हिसाब से बढ़ेगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करती भारतीय इकोनॉमी की रफ्तार को देख कर अब अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों के सुर भी बदलने लगे हैं। प्रमुख रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि वर्ष 2024 में भारत की आर्थिक विकास दर 6.8 प्रतिशत रहेगी। मूडीज ने स्वीकार किया है कि भारतीय आर्थिकी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर रही है। इस आधार पर भारत की विकास दर दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक संपन्न देशों के संगठन जी-20 में सबसे ज्यादा रहने की संभावना भी जताई है।

मूडीज की यह रिपोर्ट भारत सरकार की तरफ से जारी आर्थिक अनुमानों के एक हफ्ते के भीतर आई है। मूडीज ने पहले भारत की विकास दर के अनुमान को 6.1 प्रतिशत पर रखा था। खास बात यह है कि हाल के वर्षों में इस रेटिंग एजेंसी ने किसी अन्य देश की विकास दर के अनुमान में ऊपर की तरफ इतना ज्यादा संशोधन नहीं किया है।

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बहुत अच्छा कर रही भारत की इकोनॉमी

मूडीज की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की इकोनॉमी बहुत अच्छा कर रही है और यह उम्मीद से ज्यादा मजूबत है। विकास दर को लेकर अपने अनुमान को हम 6.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर रहे हैं। ऐसी उम्मीद है कि भारत जी-20 देशों मे सबसे तेज गति से बढ़ती हुई इकोनॉमी रहने वाला है।

2024 में 2.4 फीसदी रह सकती है जी-20 की विकास दर

वर्ष 2025 में भारत की विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने की बात कही गई है। अगर जी-20 के सभी देशों के समग्र आर्थिक विकास की बात करें तो वर्ष 2024 में इसकी दर 2.4 प्रतिशत और वर्ष 2025 में 2.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। जबकि वर्ष 2023 में इन देशों की समग्र विकास दर 2.9 प्रतिशत थी। इस समूह के तीन देश ब्रिटेन, जापान और जर्मनी की विकास दर वर्ष 2024 में काफी नीचे आ चुकी है।

वर्ष 2023 की शुरुआत में भारत और चीन को सबसे तेज गति से बढ़ती हुई इकोनॉमी के तौर पर चिन्हित किया गया था, लेकिन इसके अंत तक यह साफ हो गया था कि चीन ने उम्मीद से कमतर प्रदर्शन किया है जबकि भारत की स्थिति उम्मीद से बेहतर रही है। भारत के बारे में पहले कहा गया था कि इसकी विकास दर वर्ष 2023 में 6.4 प्रतिशत रहेगी लेकिन असलियत में यह 7.7 प्रतिशत रही थी।

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पूंजीगत खर्च में वृद्धि का दिख रहा असर

रिपोर्ट के मुताबिक, जी-20 समूह में लगातार दो तिमाहियों (जुलाई-सितंबर और अक्टूबर-दिसंबर 2023) की विकास दर आठ प्रतिशत से ज्यादा रही है। मूडीज ने माना है कि भारत सरकार ने पूंजीगत खर्चे बढ़ाने का जो फैसला किया था, उसका असर दिखाई दिया है। इससे मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र भी बेहतर प्रदर्शन करने लगा है।

मूडीज की रिपोर्ट में यह भरोसा भी जताया गया है कि जनवरी-मार्च, 2024 तिमाही में भी तेज विकास दर की गति बनी रहेगी क्योंकि अभी इस दौरान जीएसटी संग्रह, ऑटोमोबाइल की बढ़ती बिक्री, उधारी में वृद्धि का सिलसिला भी जारी है। मूडीज के मुताबिक, आगामी आम चुनाव के बाद भी ढांचागत क्षेत्र में बड़ा निवेश जारी रहने की संभावना है।

आरबीआइ पर कम होगा ब्याज घटाने का दबाव

वैसे इस उम्मीद से बेहतर विकास दर का असर आरबीआइ की भावी मौद्रिक नीति पर होने की संभावना है। मूडीज का कहना है कि आर्थिक विकास दर के तेज रहने और ऋण की गति भी ज्यादा होने की वजह से आरबीआइ के लिए ब्याज दरों को कम करने का दबाव नहीं रहेगा। फरवरी 2024 में भी आरबीआइ ने ब्याज दरों को स्थिर रखा था और आने वाले महीनों मे भी वह ऐसा ही कर सकता है। दिसंबर, 2023 में रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने भी कहा था कि जी-20 संगठन में भारतीय इकोनॉमी ही सबसे तेज रहेगी। इसने विकास दर 6.9 प्रतिशत रहने की बात कही थी।