Vedanta ने भी Foxconn के बाद अपने दम पर कारोबार शुरू करने की दी जानकारी, जानिए क्या है कंपनी का फ्यूचर प्लान
Vedanta Group के अध्यक्ष अनिल ने फॉक्सकॉन के पीछे हटने का जिक्र किए बिना कहा कि हमने अपने सेमीकंडक्टर उद्यम के लिए साझेदारों की कतार तैयार कर ली है और इस साल सरकारी मंजूरी के अधीन आपकी कंपनी सेमीकंडक्टर फैब और डिस्प्ले फैब में एक ऐतिहासिक शुरुआत करेगी। उन्होंने कहा सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले ग्लास उद्यम हमारे युवाओं को किफायती इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों तक पहुंच बनाने में सक्षम बनाएंगे।
By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Wed, 12 Jul 2023 06:16 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Vedanta Group के ताइवानी साझेदार द्वारा 19.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सेमीकंडक्टर निर्माण परियोजना से हटने के कुछ दिनों बाद, कंपनी के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि उद्यम के लिए साझेदारों की रो तैयार कर ली गई है और वेदांता इस साल चिप बनाने के क्षेत्र में कदम रखना शुरू कर देगी। हालांकि, अग्रवाल ने अभी तक पार्टनर की पहचान नहीं बताई है। इसको लेकर क्या है पूरी खबर, आइए जान लेते हैं।
Foxconn और Vedanta हुए अलग
Foxconn ने इस सप्ताह की शुरुआत में वेदांता के साथ चिपमेकिंग संयुक्त उद्यम से हाथ खींच लिया था और कहा कि वह सरकार की सेमीकंडक्टर उत्पादन योजना के तहत प्रोत्साहन के लिए आवेदन करने का इरादा रखती है। इसको लेकर पिछले हफ्ते ही Vedanta ने कहा था कि वह समूह की एक कंपनी से सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले ग्लास यूनिट का अधिग्रहण करेगी।सेमीकंडक्टर को लेकर आत्मनिर्भरता की ओर भारत
दुनिया के अधिकांश चिप्स मुट्ठी भर देशों में निर्मित होते हैं और इसको लेकर भारत को उम्मीद है कि उसका सेमीकंडक्टर बाजार 2026 तक 63 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हो जाएगा, देर से प्रवेश करने वाला देश है। सेमीकंडक्टर्स का व्यापक अनुप्रयोग होता है। इसका उपयोग मोबाइल फोन से लेकर रेफ्रिजरेटर और कारों जैसे उपकरणों में किया जाता है।
वेदांता की वार्षिक शेयरधारक बैठक में बोलते हुए, अग्रवाल ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में एक बड़ा अवसर है, क्योंकि भारत हर साल 100 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक्स का आयात करता है। इसमें 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले ग्लास शामिल हैं।