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अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्रा ने अदानी ट्रांसमिशन पर किया 13,400 करोड़ का दावा, समझौते के उल्लंघन का आरोप

मुंबई सेंटर फॉर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन के समक्ष दायर किए गए एक वाद में रिलायंस ने दिसंबर 2017 के समझौते की शर्तों के उल्लंघन का हवाला दिया है। कंपनी ने अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड से 13400 करोड़ क्षतिपूर्ति की मांग की है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 09:14 AM (IST)
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Anil Ambani's Reliance Infra files Rs 13400 crore claim against Adani Transmission
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Reliance infrastructure ltd) और अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड (Adani Transmission) के बीच विवाद गहराता जा रहा है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने पावर डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस के अधिग्रहण के प्रस्ताव में हीला-हवाली और सौदे की शर्तों के उल्लंघन के लिए अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड के खिलाफ 13,400 करोड़ रुपये (1.7 बिलियन डॉलर) का दावा किया है।

एक नियामकीय फाइलिंग में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने कहा है कि उसने मुंबई सेंटर फॉर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन (एमसीआईए) के समक्ष मध्यस्थता का दावा किया है। कंपनी का आरोप है कि मुंबई बिजली वितरण व्यवसाय के हस्तांतरण से संबंधित अदानी ट्रांसमिशन के साथ दिसंबर 2017 के शेयर खरीद समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया गया है।

मुंबई अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एमसीआईए) का उद्देश्य वाणिज्यिक विवादों का समाधान करना है।

अब क्या होगा इस सौदे का

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा दाखिल फाइलिंग में कहा गया है कि इसकी पीछे के वित्तीय निहितार्थ का पता नहीं लगाया जा सकता है और अब यह सौदा मध्यस्थता के अंतिम परिणाम और उसके बाद की कानूनी चुनौतियों पर निर्भर है।

बता दें कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की हालत इन दिनों बेहद खराब है। शुक्रवार को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर बीएसई पर 9.90 फीसदी की गिरावट के साथ 162.45 रुपये पर बंद हुए, जबकि अदानी ट्रांसमिशन के शेयर 0.18 फीसदी की तेजी के साथ 3,931.65 रुपये पर बंद हुए।

2017 में हुआ था करार

अडानी समूह ने 2017 में 18,800 करोड़ रुपये के सौदे में रिलायंस इंफ्रा (तत्कालीन रिलायंस एनर्जी) के मुंबई बिजली कारोबार, जिसमें उत्पादन, वितरण और ट्रांसमिशन शामिल था, का अधिग्रहण किया था। इस सौदे ने अदानी समूह को बिजली वितरण व्यवसाय में अपना पैर जमाने में मदद की। इसके बाद अदानी समूह बिजली उत्पादन के अलावा ट्रांसमिशन के लिए भी मशहूर होने लगा। इस समय अदानी ट्रांसमिशन भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की ट्रांसमिशन और बिजली वितरण कंपनी है।

बता दे कि रिलायंस एनर्जी के पास मुंबई में करीब 30 लाख उपभोक्ता थे। इस सौदे से रिलायंस इंफ्रा को अपने 15,000 करोड़ रुपये के कर्ज को चुकाने में मदद मिलती। अधिग्रहण के बाद भी कंपनी के पास 3,000 करोड़ रुपये का अधिशेष बचा रहता।

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