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टेलीकाम कंपनियों को और 40,000 करोड़ रुपये की राहत संभव, अदालत में चल रहे मामले वापस लेने पर विचार

विभाग ने भारतीय बैंक संघ के ज्ञापन का उल्लेख करते हुए कहा कि टेलीकाम क्षेत्र में प्रतिकूल घटनाक्रमों से ना केवल प्रतिस्पर्धा खत्म हो रही है बल्कि एकाधिकार जैसी समस्याएं आ सकती हैं। इससे उन बैंकों के सामने गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं

By NiteshEdited By: Updated: Wed, 06 Oct 2021 08:25 AM (IST)
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Another Rs 40000 crore relief package for Telecom sector
नई दिल्ली, पीटीआइ। पिछले महीने टेलीकाम क्षेत्र में किए गए सुधारों के बाद सरकार इसकी कंपनियों को एक और राहत देने पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार टेलीकाम कंपनियों के खिलाफ करीब 40,000 करोड़ रुपये के विवादों से जुड़े कानूनी मामले वापस लेने पर विचार कर रही है। एक सूत्र के मुताबिक इसी दिशा में कदम उठाते हुए टेलीकाम विभाग (डीओटी) ने अनिल अंबानी की रिलायंस कम्यूनिकेशंस के खिलाफ एक मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। इसमें विभाग ने कहा है कि टेलीकाम सेक्टर वित्तीय संकट से गुजर रहा है और सर्विस प्रोवाइडर घाटे में चल रहे हैं।

विभाग ने भारतीय बैंक संघ के ज्ञापन का उल्लेख करते हुए कहा कि टेलीकाम क्षेत्र में प्रतिकूल घटनाक्रमों से ना केवल प्रतिस्पर्धा खत्म हो रही है, बल्कि एकाधिकार जैसी समस्याएं आ सकती हैं। इससे उन बैंकों के सामने गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जिन्होंने इस सेक्टर को काफी कर्ज दे रखा है। विभाग ने चार अक्टूबर को कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि केंद्र सरकार अपील पर आगे बढ़ने के अपने फैसले की समीक्षा करना चाहती है।

हालांकि मुद्दे की प्रकृति को देखते हुए यह फैसला विभिन्न स्तरों पर विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा। इसमें थोड़ा समय लग सकता है। विभाग ने सुप्रीम कोर्ट से इस संबंध में तीन सप्ताह का समय मांगा है। सरकार के अनुसार, मामलों में शामिल राशि के अनुसार विभिन्न दूरसंचार सेवाप्रदातों पर लगभग 40,000 करोड़ रुपये की वित्तीय देनदारी बनती है।

एयरटेल ने ग्रामीण इलाके में पहला 5जी परीक्षण किया

टेलीकाम कंपनी भारती एयरटेल और इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी एरिक्सन ने मंगलवार को बताया कि उन्होंने ग्रामीण इलाकों में देश का पहला 5जी नेटवर्क परीक्षण किया है। यह परीक्षण दिल्ली-एनसीआर के बाहरी इलाके में किया गया। एयरटेल के चीफ टेक्नोलाजी आफिसर (सीटीओ) रणदीप सिंह सेखों ने एक कार्यक्रम में कहा कि एफडब्ल्यूए (फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस) जैसी सेवा के जरिये अंतिम छोर तक ब्राडबैंड कवरेज देने तथा अधिक समावेशी डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान करने में 5जी एक परिवर्तनकारी तकनीक होगी। एक अध्ययन के अनुसार, मोबाइल ब्राडबैंड अपनाने के अनुपात में औसतन 10 फीसद की वृद्धि से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 0.8 फीसद की वृद्धि होती है।