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चीनी ग्लास के आयात पर लग सकता है Anti-Dumping Duty, वाणिज्य मंत्रालय ने की सिफारिश

Anti-Dumping Duty on Import of Chinese Glass वाणिज्य मंत्रालय ने चीनी ग्लास के आयात पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाने के लिए सिफारिश की है। इस सिफारिश पर अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय द्वारा लिया जाएगा। वाणिज्य मंत्रालय ने एंटी-डंपिंग शुल्क को लेकर इसलिए लिफारिश की है क्योंकि कुछ दिन पहले चीनी ग्लास के आयात को लेकर एक शिकायत दर्ज हुई थी। (जगरण फाइल फोटो)

By AgencyEdited By: Priyanka KumariUpdated: Sat, 02 Sep 2023 02:04 PM (IST)
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चीनी ग्लास के आयात पर लग सकता है Anti-Dumping Duty

 नई दिल्ली, एजेंसी। देश में बड़ी मात्रा में चीनी ग्लास का आयात होता है। वाणिज्य मंत्रालय ने चीनी ग्लास के आयात को लेकर सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि सस्ते शिपमेंट से बचने के लिए चीनी ग्लास को आयात पर 243 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक एंटी-डंपिंग शुल्क लगना चाहिए।

एंटी-डंपिंग शुल्क को लेकर अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय द्वारा लिया जाएगा।

क्यों लग रहा है एंटी-डंपिंग शुल्क

कुछ दिन पहले चीनी ग्लास को लेकर एक शिकायत दर्ज हुई थी। इसके बाद वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) ने इसकी जांच की। डीजीटीआर ने इन ग्लास के मोटाई और वर्ग की जांच की। इसके अलावा उन्होंने कठोर ग्लास के डंपिंग की भी जांच की। यह ग्लास चीन से निर्यात किया जाता है।

इस जांच को शुरू करने के लिए सेफ्टी/स्पेशलिटी ग्लास प्रोसेसर्स के संघ फेडरेशन ऑफ सेफ्टी ग्लास ने आवेदन दिया। वहीं, आवेदक ने आरोप लगाया था कि यह उत्पाद घरेलू उद्योगों पर असर डालेगा।

जांच के खत्म होने के बाद डीजीटीआर ने कहा यह उत्पाद उस कीमत पर निर्यात किया गया था जो सामान्य स्तर से कम है। इसका मतलब है कि डंपिंग हुई है जिससे घरेलू निर्माताओं पर असर पड़ा है।

इसके बाद डीजीटीआर अधिसूचना के अनुसार, "तदनुसार, प्राधिकरण आयात पर पांच साल की अवधि के लिए निश्चित एंटी-डंपिंग शुल्क लगाने की सिफारिश करता है।"

वहीं, अनुशंसित शुल्क USD 41.8 प्रति टन और USD 243 प्रति टन के बीच है। सस्ते आयात में बढ़त ने घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुंचाया है या नहीं, इसके लिए एंटी डंपिंग जांच की जाती है। इस शुल्क का उद्देश्य निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करना और विदेशी उत्पादकों और निर्यातकों की तुलना में घरेलू उत्पादकों के लिए समान अवसर बनाना है।

आपको बता दें कि चीन समेत विभिन्न देशों से सस्ते आयात से निपटने के लिए भारत पहले ही कई उत्पादों पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगा चुका है।