2024 में जेनरेटिव एआई में निवेश बढ़ाएगा APAC बिजनेस, 3.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक जाएगा खर्चा
एशिया-प्रशांत की कंपनियां जेनरेटिव एआई में तेजी से निवेश बढ़ा रही हैं और परिपक्वता के उच्च चरण में प्रवेश कर रही हैं। जबकि APAC कंपनियां वर्तमान में GenAI खर्च में अपने उत्तरी अमेरिकी समकक्षों से पीछे हैं। चीन इस क्षेत्र में सबसे आगे है जहां निवेश 160 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 2.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने की उम्मीद है। आइये इसके बारे में जानते हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। इंफोसिस रिसर्च के मुताबिक एशिया प्रशांत कारोबार जेनरेटिव एआई (जेनएआई) में निवेश बढ़ा रहे हैं और 2024 में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, जापान, भारत और सिंगापुर में इस तकनीक पर खर्च लगभग तीन गुना होकर 3.4 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
इसमें कहा गया है कि जबकि खर्च उत्तरी अमेरिका से पीछे है, एपीएसी की स्वीकार्यता, प्रभावशीलता और वृद्धि वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा है।
आईटी प्रमुख की शोध शाखा, इंफोसिस नॉलेज इंस्टीट्यूट (आईकेआई) ने शोध में कहा कि एशिया-प्रशांत की कंपनियां जेनरेटिव एआई में तेजी से निवेश बढ़ा रही हैं और परिपक्वता के उच्च चरण में प्रवेश कर रही हैं।
जबकि APAC कंपनियां वर्तमान में GenAI खर्च में अपने उत्तरी अमेरिकी समकक्षों से पीछे हैं, शोध में किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में बड़ी वृद्धि का अनुमान लगाया गया है, जो कि 140 प्रतिशत है।
3.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश
इसका मतलब है कि ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, जापान, भारत और सिंगापुर में 3.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया जाएगा। इन्फोसिस की जेनरेटिव एआई रडार एपीएसी रिपोर्ट में बिजनेस लीडर्स और एआई प्रैक्टिशनर्स के साथ साक्षात्कार की अंतर्दृष्टि और ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, जापान, भारत और सिंगापुर के 1,000 उत्तरदाताओं का सर्वेक्षण शामिल है।यह भी पढ़ें- भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की गिरावट, यहां जानें डिटेल