मोदी की उम्मीदों को परवान चढ़ाएंगे जेटली
गैर पारंपरिक ऊर्जा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं को परवान चढ़ाने में वित्त मंत्री अरुण जेटली कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। बजट की तैयारियों को लेकर जेटली और कोयला, बिजली व अक्षय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल के बीच एक महीने के भीतर गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत के लक्ष्यों
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गैर पारंपरिक ऊर्जा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं को परवान चढ़ाने में वित्त मंत्री अरुण जेटली कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। बजट की तैयारियों को लेकर जेटली और कोयला, बिजली व अक्षय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल के बीच एक महीने के भीतर गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कई दौर में बातचीत हुई है। इसका असर बजट में दिखाई देगा। वित्त मंत्री ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर परियोजना को बढ़ावा देने के साथ सौर ऊर्जा क्षेत्र के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं करने वाले हैं। देश में लगने वाले अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट पर भी अतिरिक्त ध्यान दिया जाएगा।
नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक राजग सरकार ने परंपरा को दरकिनार कर सौर और पवन ऊर्जा के लिए भारी भरकम लक्ष्य तय किए हैं। इन्हें हासिल करने के लिए भी परंपरा से हटकर ठोस फैसले लेने होंगे। निजी व सरकारी कंपनियों को बढ़कर प्रोत्साहन देना होगा, तभी वे इसमें भारी निवेश के लिए तैयार होंगी। 12वीं योजना में सौर ऊर्जा से 27,000 मेगावॉट अतिरिक्त क्षमता जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन राजग सरकार ने वर्ष 2022 तक एक लाख मेगावॉट की अतिरिक्त क्षमता जोड़ने का फैसला किया है। इसी तरह से पवन ऊर्जा के तहत 60,000 मेगावॉट क्षमता जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। यह भी पूर्व लक्ष्य के मुकाबले कई गुना ज्यादा है।