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इस नए ऐप के जरिए फिनटेक मार्केट में एंट्री लेंगे अशनीर ग्रोवर, जानिए क्या है खास

BharatPe के को फाउंडर अब एक नई ऐप के साथ फिनटेक मार्केट में प्रवेश कर रहे हैं। इस ऐप को ZeroPe नाम दिया गया है जो एक मेडिकल लोन ऐप है। फिलहाल ये ऐप अभी टेस्टिंग फेज में है और इसे थर्ड यूनिकॉर्न द्वारा विकसित किया गया है। थर्ड यूनिकॉर्न की स्थापना ग्रोवर ने भारतपे से बाहर निकलने के बाद की थी।

By Ankita Pandey Edited By: Ankita Pandey Updated: Fri, 12 Apr 2024 06:22 PM (IST)
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इस नए ऐप के जरिए फिनटेक मार्केट में एंट्री लेंगे अशनीर ग्रोवर, जानिए क्या है खास
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। अपनी अगली पारी की तैयारी करते हुए भारतपे के को फाउंडर और फॉर्मर मैनेजिंग डॉयरेक्टर अशनीर ग्रोवर ने जीरोपे नामक मेडिकल लोन ऐप के साथ फिनटेक क्षेत्र में एंट्री लेने की योजना बनाई है।

Google Playstore लिस्टिंग से पता चला है कि ZeroPe फिलहाल अभी भी टेस्टिंग मोड में है और इसे थर्ड यूनिकॉर्न द्वारा विकसित किया गया है। आइये इसके बारे में जानते हैं।

ZeroPe क्या है?

  • जैसा कि हम बता चुके हैं कि ZeroPe को थर्ड यूनिकॉर्न द्वारा विकसित किया गया है। इसकी स्थापना ग्रोवर ने भारतपे से बाहर निकलने के बाद की थी और 2023 में क्रिकपे नामक एक फेंटसी गेमिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था।
  • आपको बता दें कि जीरोपे ऐप दिल्ली स्थित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) मुकुट फिनवेस्ट के साथ साझेदारी में 5 लाख रुपये तक के तत्काल प्री-अप्रूव्ड मेडिकल लोन की सुविधा देगा।
  • ZeroPe ऐप वेबसाइट का कहना है कि इस सेवा का लाभ केवल भागीदारी वाले अस्पतालों में ही उठाया जा सकता है।
  • ग्रोवर सेवइन, क्यूब हेल्थ, आरोग्य फाइनेंस, नियोडॉक्स, फाइब, केंको और मायकरे हेल्थ जैसे व्यवसायों की बढ़ती सीरीज में नए स्तर पर प्रवेश कर रहे हैं।
  • यह आपको चिकित्सा बिलों और अन्य वैकल्पिक उपचारों के लिए इस्टेंट फाइनेसिंग सॉल्यूशन देता है।

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कब शुरू हुई थी कंपनी

  • आपको बता दें कि ग्रोवर ने जनवरी 2023 में अपनी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर और चंडीगढ़ स्थित एटरप्रेन्योर असीम घावरी के साथ थर्ड यूनिकॉर्न लॉन्च किया।
  • ये स्टार्टअप ड्रीम11, मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) और गेम्स24x7 के माय11सर्कल जैसे प्रतिद्वंद्वियों को टक्कर देने के लिए क्रिकपे को लेकर आया है।
  • एक रिपोर्ट में पता चला है कि भारत का डिजिटल हेल्थकेयर बाजार 2030 तक 37 बिलियन डॉलर का राजस्व जनरेट कर सकता है। इसमें से अकेले हेल्थकेयर फाइनेंस 5 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
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