Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

एशिया प्रशांत में सबसे तेज रहेगी भारतीय इकोनॉमी की रफ्तार, एडीबी की रिपोर्ट की बड़ी बातें

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) अपनी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वित्त वर्ष 2024 में भारत की विकास दर 7 फीसद और वित्त वर्ष 2025 में भारत की आर्थिक विकास दर के 7.2 फीसद रह सकती है। इसके साथ ही इन दो वर्षों में चीन की सालाना विकास दर क्रमश 4.8 फीसद और 4.5 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया है।

By Jagran News Edited By: Subhash Gariya Updated: Thu, 11 Apr 2024 05:59 PM (IST)
Hero Image
ADB के मुताबिक 2024 में भारत की विकास दर 7 फीसद रह सकती है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत लगातार पांचवे वर्ष आर्थिक विकास दर के मामले में चीन से आगे निकलने को तैयार है। इसमें वित्त वर्ष 2024 में भारत की विकास दर 7 फीसद और वित्त वर्ष 2025 में भारत की आर्थिक विकास दर के 7.2 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया है। जबकि इन दो वर्षों में चीन की सालाना विकास दर के क्रमश: 4.8 फीसद और 4.5 फीसद रहने की बात कही गई है।

वित्त वर्ष 2025 पांचवा साल होगा भारत की ग्रोथ रेट चीन से ज्यादा रहेगी। वैसे चीन की इकोनमी का आकार अभी 18 ट्रिलियन डॉलर की हो चुकी है जबकि भारत की इकोनमी का आकार अभी 3.8 अरब डॉलर के करीब है और पीएम नरेन्द्र मोदी कई बार कह चुके हैं कि वर्ष 2027 तक भारत पांच अरब डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा। एडीबी के आंकड़े कमोवेश आरबीआइ व दूसरी वैश्विक एजेंसियों के जैसी ही हैं जिसमें भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर पहले के अनुमान में सुधार किये गये हैं।

यह भी पढ़ें : डिजिटल सर्विस सेक्टर में भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक: WTO Report

एडीबी की रिपोर्ट बड़ी बातें

  1. एडीबी की तरफ से जारी रिपोर्ट पूरे एशिया व प्रशांत क्षेत्र के देशों को लेकर है। इसमें शामिल 62 देशों में सिर्फ पलाऊ (उत्तरी प्रशांत महासागर में स्थित छोटा सा द्वीप, इकोनमी का आकार महज 30 करोड़ डॉलर) ही एक मात्र देश है जिसकी आर्थिक विकास दर 8 फीसद भारत से ज्यादा रहने की बात कही गई है।
  2. दक्षिण पूर्वी एशियाई क्षेत्र में कभी एशियन टाइगर के नाम से प्रसिद्ध देशों की आर्थिक विकास की रफ्तार भी भारत से काफी कम रहने की संभावना है। एडीबी ने कहा है कि, पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र के विकास में भारतीय इकोनमी एक इंजन के तौर पर काम करेगी।
  3. ब्याज दरों को लेकर एडीबी का कहना है कि इसमें वृद्धि होने की संभावना नहीं है क्योंकि महंगाई की स्थिति सुधरेगी। महंगाई की सालाना दर इस वर्ष 4.6 फीसद और अगले वर्ष 4.5 फीसद रह सकती है।
  4. भारत के बारे में कहा गया है कि निर्यात के मोर्चे पर अच्छा प्रदर्शन होगा। विकास की रफ्तार को बनाये रखने में निर्यात अहम योगदान देगा।
  5. भारत सरकार की तरफ से किया जाने वाले पूंजीगत खर्चे को भी तेज विकास दर के लिए जरूरी बताया गया है। भारत की नई सरकार की तरफ से गरीब जनता को घर दिलाने को लेकर कुछ बड़ी घोषणाओं की संभावना जताते हुए एडीबी ने कहा है कि इससे पूरी इकोनॉमी पर असर होगा।
  6. भारत सरकार को यह सुझाव दिया गया है कि उसे भारतीय मैन्यूफैक्चरिंग को वैश्विक सप्लाई चेन के साथ जोड़ने में और कदम उठाने होंगे।

यह भी पढ़ें : वाणिज्य मंत्रालय ने जारी किये भारत-चीन Export Data, 2023 में सबसे ज्यादा ये हुआ निर्यात