Asian Paints Share: एशियन पेंट्स के तिमाही नतीजे खौफनाक, 10 फीसदी तक गिरा स्टॉक
Asian Paints Share एशियन पेंट्स को एक वक्त सबसे शानदार स्टॉक माना जाता था। इसमें हर कोई पैसे लगाना चाहता था। लेकिन सितंबर तिमाही के कमजोर नतीजों के बाद एशियन पेंट्स के शेयर एकदम से भरभराकर गिर गए। इसके शेयरों की कीमत एक साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई। आइए जानते हैं कि एशियन पेंट्स के शेयरों में भारी गिरावट की क्या वजह है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। एशियन पेंट्स (Asian Paints) के तिमाही नतीजे हद से ज्यादा खराब रहे। कंपनी ने हर मोर्चे पर बद से बदतर प्रदर्शन किया। इसका असर आज उसके शेयरों में भी दिख रहा है। एशियन पेंट्स लॉर्ज कैप कंपनी है, लेकिन उसका स्टॉक आज किसी स्मॉलकैप कंपनी की तरह भर-भराकर करीब 10 फीसदी तक गिर गया। शुरुआती कारोबार में यह 9.22 फीसदी की गिरावट के साथ 2,514.10 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
एशियन पेंट्स का वित्तीय प्रदर्शन
एशियन पेंट्स के लिए सितंबर 2024 तिमाही किसी बुरे ख्वाब से कम नहीं रही। उसका मुनाफा कमजोर डिमांड के चलते 44 फीसदी तक घट गया। वहीं, रेवेन्यू में भी 5 फीसदी से अधिक गिरावट आई है। अगर मार्जिन और डोमेस्टिक वॉल्यूम ग्रोथ की बात करें, तो वहां भी कंपनी ने बेहद निराश किया है।सितंबर तिमाही में एशियन पेंट्स का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 694.64 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 1,205.42 करोड़ रुपये था। कंपनी का रेवेन्यू 5.3 पर्सेंट घटकर 8,003.02 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल 8,451.93 करोड़ रुपये था। कंसॉलिडेटेड प्रॉफिट बिफोर डिप्रिसिएशन, इंटरेस्ट एंड टैक्स (PBDIT) 27.8 फीसदी गिरकर 1,239.5 करोड़ रुपये हो रहा।
ब्रोकरेज की एशियन पेंट्स पर राय
एशियन पेंट्स से ब्रोकरेज का भी मोहभंग हो चुका है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Jefferies ने Asian Paints को Underperform रेटिंग दी है। उसने टारगेट प्राइस घटाकर 2,100 प्रति शेयर कर दिया है। JPMorgan ने भी एशियन पेंट्स को Underweight रेटिंग दी है। उसने भी टारगेट प्राइस को 2,800 प्रति शेयर से घटाकर 2,400 कर दिया है।Nomura ने Neutral रेटिंग दी है और 2,500 रुपये प्रति शेयर का टारगेट प्राइस तय किया है। वहीं, Morgan Stanley ने Asian Paints को Underweight रेटिंग दी है। उसने टारगेट प्राइस 2,522 प्रति शेयर दिया है। सभी ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि पूरी पेंट इंडस्ट्री दबाव में है, लेकिन एशियन पेंट्स ने प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के मुकाबले भी कमजोर प्रदर्शन किया है।