CPI Inflation Rate अभी भी RBI की सीमा से अधिक, महंगाई नियंत्रण करने के लिए आरबीआई उठा सकता है ये कदम
टमाटर और अन्य सब्जियों की कम कीमतों के कारण अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति की वृद्धि दर में कमी आई लेकिन यह दर भी आरबीआई द्वारा निर्धारित सीमा से ऊपर रही। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल अगस्त के मुकाबले इस साल अगस्त में खुदरा महंगाई दर 6.83 प्रतिशत रही है। पिछले साल जुलाई की तुलना में इस साल जुलाई में खुदरा बिक्री मुद्रास्फीति दर 7.44 प्रतिशत थी।
नई दिल्ली, जेएनएन: अगस्त में टमाटर व अन्य सब्जी के दाम में कमी से खुदरा महंगाई की बढ़ोतरी दर में थोड़ी कमी आई है, लेकिन यह दर अब भी आरबीआई की तरफ से तय अधिकतम सीमा से अधिक है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल अगस्त में खुदरा महंगाई में पिछले साल अगस्त के मुकाबले 6.83 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। इस साल जुलाई में पिछले साल जुलाई की तुलना में खुदरा महंगाई में 7.44 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।
अगस्त में कितनी रही खाद्य वस्तुओं की महंगाई?
अगस्त में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 9.94 प्रतिशत रही जबकि इस साल जुलाई में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 11.51 प्रतिशत थी। आरबीआई ने खुदरा महंगाई के लिए छह प्रतिशत की अधिकतम सीमा तय कर रखा है।
आरबीआई उठा सकता है ये कदम
इससे अधिक होने पर आरबीआई खुदरा महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी व अन्य उपाय करने पर विचार कर सकता है। बारिश में कमी से अनाज की कीमतों में गिरावट नहीं हो पा रही है और इससे भी खुदरा महंगाई को समर्थन मिल रहा है। घरेलू स्तर पर दाल की पैदावार कम होने से दाल भी महंगी हो रही है।
कितने प्रतिशत महंगी हुई सब्जियां?
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गत अगस्त में सब्जी के खुदरा दाम में पिछले साल अगस्त की तुलना में 26.14 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। अगस्त में दाल की खुदरा कीमतों में 13.04 प्रतिशत, अनाज में 11.85 प्रतिशत, दूध व दुग्ध उत्पाद में 7.73 प्रतिशत, फल में 4.05 प्रतिशत तो मसाले की कीमतों में 23.19 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही।
सिर्फ खाद्य तेल व वनस्पति के खुदरा दाम में अगस्त माह में पिछले साल अगस्त की तुलना में 15.28 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
औद्योगिक उत्पादन में तेजी जारी
घरेलू मांग के समर्थन से औद्योगिक उत्पादन में तेजी का सिलसिला जारी है। इस साल जुलाई में औद्योगिक उत्पादन में पिछले साल जुलाई की तुलना में 5.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस साल जुलाई में मैन्यूफैक्चरिंग और कैपिटल गुड्स दोनों में 4.6-4.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही।