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एक लाख करोड़ के निवेश की तैयारी में आटो कंपनियां, EV समेत नए सेगमेंट में भी उतरने की हो रही है तैयारी

मारुति सुजुकी हुंडई टाटा मोटर्स जैसी कार निर्माता और बजाज आटो होंडा हीरो मोटोकार्प जैसी शीर्ष दोपहिया कंपनियां देश में तेजी से बदलते आटोमोबाइल बाजार में अपनी कमजोर कड़ी को दुरूस्त करने में जुटी हुई हैं। टाटा मोटर्स अगले पांच वर्षों में 10 नई इलेक्ट्रिक कार उतारने की योजना पर काम कर रही है। इस पर करीब 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश होना है। (फोटो-जागरण)

By Anand PandeyEdited By: Anand PandeyUpdated: Sat, 08 Jul 2023 08:46 PM (IST)
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Auto companies preparing to invest one lakh crore preparations are being made to enter new segments including EV
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश-विदेश की तमाम आर्थिक शोध एजेंसियां बता चुकी हैं कि अगले कुछ वर्षों तक भारत ही वैश्विक आर्थिक गतिविधियों का एक बड़ा केंद्र रहेगा। भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर सबसे तेज रहेगी। मध्यम वर्ग का तेजी से विस्तार होगा और लोगों की क्रय शक्ति भी बढ़ेगी।

इन संभावनाओं व आकलन का असर देश के आटोमोबाइल सेक्टर पर भी साफ तौर पर दिख रहा है। भविष्य की इस छवि ने दिग्गज आटोमोबाइल कंपनियों को भी भारत पर केंद्रित कर दिया है। दिग्गज आटो कंपनियां भारत में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की निवेश योजनाओं पर काम कर रही हैं।

कंपनियों का अनुमान, मध्यम वर्ग की आय में वृद्धि से कारों की बिक्री बढ़ेगी

मारुति सुजुकी, हुंडई, टाटा मोटर्स जैसी कार निर्माता और बजाज आटो, होंडा, हीरो मोटोकार्प जैसी शीर्ष दोपहिया कंपनियां देश में तेजी से बदलते आटोमोबाइल बाजार में अपनी कमजोर कड़ी को दुरूस्त करने में जुटी हुई हैं। यह कंपनियां नए-नए सेंगमेंट में उतरने जा रही हैं। जाहिर है कि इसका असर एमएसएमई से लेकर रोजगार तक पर दिखेगा। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण ने पिछले वर्ष बताया था कि भारत में सिर्फ आठ प्रतिशत परिवारों के पास ही कार हैं। वर्ष 1998-99 में सिर्फ 1.8 प्रतिशत परिवारों के पास ही कार थी।

वर्ष 2005-06 में यह आंकड़ा 2.8 प्रतिशत था। तेज आर्थिक विकास दर के साथ ही कार रखने वाले परिवारों की संख्या बढी है। अब जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था के लगातार 7-8 प्रतिशत विकास दर हासिल करने की बात की जा रही है तो कार कंपनियों को देश के भीतर कारों की बिक्री भी तेजी से बढ़ने की संभावना दिख रही है। लिहाजा हर कार कंपनी ऐसे सेग्मेंट में भी उतरने की तैयारी कर रही है, जहां वह अब तक नहीं थी।

इलेक्ट्रिक वाहनों समेत नए सेगमेंट में भी उतरने की हो रही है तैयारी

टाटा मोटर्स अगले पांच वर्षों में 10 नई इलेक्ट्रिक कार उतारने की योजना पर काम कर रही है। इस पर करीब 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश होना है। इसमें से 15 हजार करोड़ रुपये तो वर्ष 2027 तक खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा कंपनी अपने वाहनों के लिए जरूरी उपकरण व कल-पुर्जे भारत में तैयार करने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। टाटा समूह जिस तरह से चिप निर्माण में आगे बढ़ रहा है, उससे टाटा मोटर्स को जरूरी चिप की आपूर्ति भी अपनी ही समूह से हो जाएगी।

मारुति सुजुकी करेगी 5.5 अरब डालर का निवेश

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी वर्ष 2030 तक भारत में 5.5 अरब डालर (तकरीबन 44 हजार करोड़ रुपये) के निवेश की योजना को अंतिम रूप दे रही है। अगस्त, 2022 में कंपनी ने दो नए मैन्यूफैक्च¨रग संयंत्र का निर्माण कार्य शुरू किया है। इन पर 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है।

हुंडई मोटर इंडिया के चीफ आपरेटिंग आफिसर तरूण गर्ग बताते हैं कि भारत जिस तरह से दुनिया में टेक्नोलाजी में अग्रणी देश के तौर पर उभर रहा है, उसका असर यहां के आटोमोबाइल सेक्टर पर भी दिखाई देगा। अब एक आम भारतीय उत्पादों व सेवाओं के साथ समझौता करने को तैयार नहीं है। इस बात को केंद्र में रखकर ही हर कंपनी को अपनी रणनीति बनानी होगी।

हुंडई भी करेगी 20 हजार करोड़ रुपये के नए निवेश

हुंडई ने हाल ही में भारत में इलेक्टि्रक वाहनों क्षेत्र में 20 हजार करोड़ रुपये के नए निवेश का ऐलान किया है। इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा आठ हजार करोड़ रुपये (तीन वर्षों में), एमजी मोटर 5,000 करोड़ रुपये और किआ इंडिया भी 2,000 करोड़ रुपये के निवेश की तैयारी कर रही हैं।