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अब Bajaj Finserv भी बेचेगी Mutual Fund, 40 अन्य कंपनियों के साथ होगा कंपटीशन

बजाज फिन्सर्व अब ग्राहकों को म्युचुअल फंड बेचेगी। कंपनी ने आज बताया कि वह इस फिल्ड में लेट मूवर एडवांटेज का फायदा उठा कर इस बिजनेस को बड़ा बनाएगी। इस क्षेत्र में 40 अन्य कंपनियों के साथ बजाज कंपटीशन करेगा।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Tue, 06 Jun 2023 08:18 PM (IST)
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Now Bajaj Finserv will also sell Mutual Fund, there will be competition with 40 other companies

नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: तरह-तरह की वित्तीय सेवा समूह वाली बजाज फिनसर्व अब म्युचुअल फंड के बिजनेस में एंट्री करने जा रही है। कंपनी 'लेट मूवर एडवांटेज' का फायदा उठाते हुए अगले कुछ वर्षों में इसे बड़ा बनाने की योजना बना रही है।

बजाज समूह की नौवीं इकाई बजाज फिनसर्व म्युचुअल फंड के इस क्षेत्र में 40 अन्य कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करेगी, जो मिलकर 40 लाख करोड़ रुपये के पब्लिक मनी का प्रबंधन करते हैं। बजाज समूह की 3,500 शहरों में 5,000 शाखाएं हैं।

शुरुआत में तीन स्कीम करेगी लॉन्च

बजाज समूह के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजीव बजाज ने मीडिया को बताया कि शुरूआत में कंपनी इस महीने के अंत तक, फिक्स्ड इनकम, तरल और मुद्रा बाजार उत्पादों में तीन योजनाएं शुरू कर रही है और जल्दी ही रेगुलेटरी अप्रूवल मिलने के बाद चार और योजनाओं को शुरू किया जाएगा।

संजीव बजाज ने कहा कि बजाज समूह, अपनी मौजूदा आठ सहायक कंपनियों के साथ, लगभग 70 मिलियन ग्राहकों को वित्तीय उत्पादों का एक सूट प्रदान करता है और अब इस नए बिजनेस के साथ ग्राहकों में टैप करना चाहता है।

लेट मूवर का क्या फायदा?

संजीव बजाज ने बताया कि लेट मूवर होने से उन्हें मार्केट को अच्छी तरह से समझने का फायदा होगा जिससे वो अपनी म्युचुअल फंड को अच्छी तरह से ग्राहकों के बीच रख सकते हैं।

मुख्य कार्यकारी गणेश मोहन ने बाताया कि हमारे जैसे विशाल देश में, जो तेजी से बढ़ रहा है, कई और एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि बजाज म्युचुअल फंड के पास जल्द ही लिक्विड, मनी मार्केट, ओवरनाइट, आर्बिट्रेज, लार्ज और मिड-कैप, बैलेंस्ड एडवांटेज और फ्लेक्सी-कैप श्रेणियों में सात फंड होंगे।

विदेशी इक्विटी की भागीदारी नहीं

मीडिया ने जब संजीव बजाज से विदेशी इक्विटी भागीदारी के बारे में पूछा तो संजीव बजाज ने कहा कि जब बीमा देश में शुरू हुई थी तब इसमें विदेशी सहायता ली गई थी क्योंकि उस वक्त इस व्यवसाय के बारे में उतना पता नहीं था लेकिन अब म्युचुअल फंड के बारे में अच्छी तरह से अपनी जरूरतों का पता है।