पूरी जांच-परख के बाद ही बैंक खातों को किया जाए कुर्क- सीबीआईसी
कहा गया है कि कर अधिकारी को कुर्की करने से पहले अपराध की प्रकृति शामिल राजस्व की राशि या तस्करी किए गए सामान के मूल्य की जांच सहित सभी जरूरी तथ्यों पर विचार करना चाहिए और इसे फाइल में दर्ज करना चाहिए। जांच में यह बात भी शामिल हो कि अगर खाते को अस्थायी तौर पर कुर्क नहीं किया गया तो खाताधारक बैंकखाते के धन का उपयोग कर सकता है।
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने कहा है कि सीमा शुल्क उल्लंघन के मामलों में बैंक खातों को कुर्क करने की शक्ति का प्रयोग तथ्यों की सावधानीपूर्वक जांच-परख करने के बाद किया जाना चाहिए। क्षेत्रीय इकाइयों को दिए गए निर्देश में सीबीआइसी ने कहा कि जिन मामलों में बैंक खाते कुर्क किए गए हैं, उनमें जांच और निर्णय जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए।
सीमा शुल्क अधिनियम के तहत, प्रधान आयुक्त या सीमा शुल्क आयुक्त उन मामलों में छह महीने तक के लिए बैंक खातों को कुर्क करने के बारे में लिखित रूप से आदेश दे सकते हैं, जहां यह राजस्व के हित में या तस्करी को रोकने के लिए हो। ऐसी कुर्की को छह महीने के लिए और बढ़ाया जा सकता है।निर्देश में कहा गया है कि कर अधिकारी को कुर्की करने से पहले अपराध की प्रकृति, शामिल राजस्व की राशि या तस्करी किए गए सामान के मूल्य की जांच सहित सभी जरूरी तथ्यों पर विचार करना चाहिए और इसे फाइल में दर्ज करना चाहिए। जांच में यह बात भी शामिल होनी चाहिए कि अगर खाते को कुर्क अस्थायी तौर पर कुर्क नहीं किया गया तो खाताधारक बैंक खाते के धन का उपयोग कर सकता है।