RBI के डाटा में आया सामने, बैंक का कर्ज 8.21 प्रतिशत बढ़ा, जमा में 8.31 प्रतिशत की वृद्धि
14 जनवरी को समाप्त हुए पिछले साल पखवाड़े में बैंक कर्ज में 8.01 प्रतिशत और जमा में 9.28 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इसके अलावा वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान बैंक कर्ज में 5.56 प्रतिशत और जमा में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
By NiteshEdited By: Updated: Fri, 11 Feb 2022 10:59 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। बैंकों का कर्ज 28 जनवरी को समाप्त पखवाड़े में 8.21 प्रतिशत बढ़कर 115.82 लाख करोड़ रुपये और जमा 8.31 प्रतिशत बढ़कर 160.33 लाख करोड़ रुपये हो गई। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। रिजर्व बैंक की अनुसूचित बैंकों पर जारी रिपोर्ट के अनुसार, 29 जनवरी, 2021 को समाप्त पखवाड़े में बैंकों का कर्ज 107.04 लाख करोड़ रुपये और जमा 148.02 लाख करोड़ रुपये थी। वही 14 जनवरी को समाप्त हुए पिछले साल पखवाड़े में बैंक कर्ज में 8.01 प्रतिशत और जमा में 9.28 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इसके अलावा वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान बैंक कर्ज में 5.56 प्रतिशत और जमा में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
निचली ब्याज दरें और प्रणाली में अत्यधिक नकदी चिंता का विषय उधर, भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव का कहना है कि निचली ब्याज दरें और प्रणाली में अत्यधिक नकदी आज सबसे बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकती है। सुब्बाराव ने कहा कि केंद्रीय बैंकों और भारतीय रिजर्व बैंक के समक्ष आज प्रमुख चुनौती मूल्य स्थिरता, वृद्धि को समर्थन और रोजगार पर संतुलन कायम करने की है। सुब्बाराव ने ग्रेट लेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा आयोजित 12वें सालाना यूनियन बैंक वित्तीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, पिछले दो साल के दौरान रिजर्व बैंक ने असाधारण नीति को कायम रखा है। चूंकि कोविड-19 महामारी ने देश को प्रभावित किया है, ऐसे में यह बेहद जरूरी है और केंद्रीय बैंक उचित कदम उठा रहा है।
कर्ज डेरिवेटिव के निपटान के लिए समिति बनेआरबीआई मुद्रा बाजार निकाय फिक्स्ड इनकम मनी मार्केट एंड डेरिवेटिव्स एसोसिएशन (फिम्डा) को कर्ज डेरिवेटिव निर्धारण समिति गठित करने का निर्देश देते हुए कहा कि इससे डेरिवेटिव के नकदी एवं नीलामी समाधान की प्रक्रिया तय की जा सकेगी। केंद्रीय बैंक ने मुद्रा बाजार साधनों के लिए जारी दिशानिर्देश की समीक्षा करते हुए कर्ज डेरिवेटिव के बारे में विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत बनाई जाने वाली ऋण डेरिवेटिव निर्धारण समिति (सीडीडीसी) नकद समाधान एवं नीलामी निपटान की प्रक्रिया को तय करेगी। यह समिति फिम्डा को बनानी है।