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2021-22 में 60 हजार करोड़ के हुए Bank Fraud, चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में 19,485 करोड़ का हुआ फ्राड

RBI की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक गत वित्त वर्ष 2021-22 में 60389 करोड़ रुपये का बैंक फ्राड किया गया और इनमें 58303 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर्ज से जुड़ी थी। जो कुल फ्राड का 97 प्रतिशत है। चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में 19485 करोड़ के फ्राड हुए।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 27 Dec 2022 10:15 PM (IST)
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चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में 19,485 करोड़ के फ्राड हुए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आरबीआइ की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बैंक धोखाधड़ी में लोन से जुड़े फ्राड की सबसे बड़ी हिस्सेदारी होती है। सरकार की कोशिश से बैंक धोखाधड़ी में कमी तो आ रही है, लेकिन अब भी सालाना 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का बैंक फ्राड हो रहा है। आर्थिक कानून के जानकारों के मुताबिक बैंक नियामक के लचील रवैये और बैंक अधिकारियों के प्रति सख्ती में कमी से धोखाधड़ी नहीं थम पा रही है। वहीं, अन्य देशों की तुलना में भारत में बैंक फ्राड के मामले में सजा भी कम होती है।

हालांकि बैंक फ्राड से जुड़े कई मामलों में आजीवन कारावास तक की सजा का प्रविधान है। आरबीआइ की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक गत वित्त वर्ष 2021-22 में 60,389 करोड़ रुपये का बैंक फ्राड किया गया और इनमें 58,303 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर्ज से जुड़ी थी। जो कुल फ्राड का 97 प्रतिशत है। आरबीआइ के आंकड़ों के मुताबिक इससे पूर्व के वर्षों में भी बैंक फ्राड में लोन से जुड़ी धोखाधड़ी की हिस्सेदारी 95 प्रतिशत से अधिक रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल से सितंबर के दौरान विभिन्न बैंक और वित्तीय संस्थाओं में 19,485 करोड़ रुपये के फ्राड किए गए और इनमें 18,746 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी लोन के नाम पर की गई। ये सभी आंकड़े एक लाख रुपये से अधिक के फ्राड से संबंधित हैं।

गोपाल शंकरनारायण, वरिष्ठ अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट के अनुसार बैंक फ्राड को रोकने के लिए आरबीआइ की तरफ से सख्ती बहुत जरूरी है। केंद्रीय बैंक को पूछना चाहिए कि बिना सिक्योरिटी के बैंक लोन कैसे दे रहे हैं। इसके अलावा किसी भी लोन संबंधी फ्राड में बैंक अधिकारी के प्रति भी सख्त रवैये की जरूरत है। सरकार को संबंधित नियमों में संशोधन करना चाहिए।

मीनाक्षी अरोड़ा, वरिष्ठ अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट के अनुसार कई वित्तीय फ्राड में अधिकतम 10-12 साल की सजा है।

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सजा की अवधि लंबी हो तो शायद धोखाधड़ी कम हो जाए। हालांकि कई फ्राड मामले में उम्र कैद तक की सजा का प्रविधान है।

विभिन्न वित्त वर्ष में बैंक फ्राड

वित्त वर्ष                 -          बैंक फ्राड राशि

2019-20               -          1,85,391 करोड़

2020-21               -          1,37,828 करोड़

2021-22               -          60,389 करोड़

2022-23 (अप्रैल-सितंबर) 19,485 करोड़ 

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