बैंकों का NPA पहुंचा रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर, वित्त मंत्री का निर्देश- कर्ज से नहीं हटनी चाहिए नजर
मार्च 2023 को समाप्त तिमाही में कुल अग्रिम के मुकाबले शुद्ध एनपीए का स्तर 1.24 फीसद आ चुका है। यह स्तर कुछ वर्ष पहले ही 10 फीसद से ज्यादा होता था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रसन्नता जताई है लेकिन इन बैंकों के प्रमुखों को यह भी निर्देश दिया है कि फंसे कर्जे को लेकर उनकी चौकन्नी नजर हटनी नहीं चाहिए।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Thu, 06 Jul 2023 08:46 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकारी क्षेत्र के बैंकों की सबसे बड़ी मुसीबत यानी फंसे कर्जे (एनपीए) की समस्या काफी हद तक काबू में आ चुकी है। मार्च, 2023 को समाप्त तिमाही में कुल अग्रिम के मुकाबले शुद्ध एनपीए का स्तर 1.24 फीसद आ चुका है। यह स्तर कुछ वर्ष पहले ही 10 फीसद से ज्यादा होता था। इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रसन्नता जताई है लेकिन इन बैंकों के प्रमुखों को यह भी निर्देश दिया है कि फंसे कर्जे को लेकर उनकी चौकन्नी नजर हटनी नहीं चाहिए।
बैंक ग्रामीण क्षेत्रों को पर्याप्त कर्ज का करें वितरण
बैंकों को निरंतर एनपीए की स्थिति की निगरानी साफ व पारदर्शी तरीके से करते रहना चाहिए और सही तरीके से इनकी समय पर पहचान करने की उनकी व्यवस्था जारी रहनी चाहिए। गुरुवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक में वित्त मंत्री ने इनके काम काज की विस्तार से समीक्षा की है और इन्हें अपने प्रदर्शन को सुधारने को लेकर कुछ सुझाव भी दिए हैं। बैठक में वित्त मंत्री ने बैंकों को खास तौर पर निर्देश दिया है कि वह ग्रामीण, कृषि व समाजिक क्षेत्रों को पर्याप्त कर्ज वितरण करें।
यह सुनिश्चित किया जाए कि प्राथमिकता क्षेत्र को कर्ज देने संबंधी सारे लक्ष्यों को हासिल किया जा रहा है। रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाने वालों को भी वित्तीय सुविधा देने पर खास जोर देने का सुझाव उन्होंने दिया है। इसके लिए पीएमस्वनिधि नाम से एक बैंकिंग कार्यक्रम चलाया भी जा रहा है। वित्त मंत्री को बताया गया कि इस कार्यक्रम के तहत 33 लाख लोगों को फायदा पहुंचाया जा चुका है।
पीएमस्वनिधि के कवरेज को बढ़ाने के लिए चलाया जाएगा अभियान
वित्त मंत्री ने कहा कि इन लोगों को डिजिटल भुगतान का फायदा दिलाने का अभियान शुरू किया जाए। फिर यह फैसला किया गया कि पीएमस्वनिधि के कवरेज को बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जाएगा और वित्त राज्य मंत्री डॉ. बी के कराड इसकी निगरानी करेंगे। वित्त राज्य मंत्री इसके लिए शहरी निकायों के साथ मिल कर अभियान चलाएंगे।वित्त मंत्री ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) की स्थिति पर खास तौर पर जोर दिया है। बैंकों को कहा गया है कि वह अपने अपने आरआरबी में तकनीकी उन्नयन के लिए निर्धारित अवधि में कदम उठाएं। आरआरबी को ज्यादा सक्षम व प्रभावशाली बनाना बहुत ही जरूरी है। वित्त मंत्री ने 21 जुलाई से अगरत्तला में आरआरबी की स्थिति की समीक्षा बैठक बुलाई है। इसमें देश के हर हिस्से में स्थिति आरआरबीआइ व उनके प्रवर्तक बैंक के प्रतिनिधि शामिल होंगे।