Move to Jagran APP

ब्‍याज दरों में क्‍या बदलाव कर सकता है रिजर्व बैंक, इस विदेशी ब्रोकरेज हाउस ने जताई उम्‍मीद

रिजर्व बैंक (RBI) अगले सप्ताह मौद्रिक समीक्षा में दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा और वृद्धि केंद्रित व पूंजीगत व्यय संचालित राजकोषीय विस्तार की दिशा में आगे बढ़ेगा। ब्रोकरेज फर्म ने हालांकि कहा कि इसके चलते कीमतों में बढ़ोतरी और बाद में ब्याज दरों का जोखिम पैदा हो सकता है।

By Ashish DeepEdited By: Updated: Sun, 06 Feb 2022 10:52 AM (IST)
Hero Image
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) सोमवार से विचार-विमर्श शुरू करेगी। (Pti)
नई दिल्‍ली, पीटीआइ। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अगले हफ्ते मौद्रिक नीति की समीक्षा करेगा। इस बीच, अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने अनुमान जताया है कि रिजर्व बैंक (RBI) अगले सप्ताह मौद्रिक समीक्षा में दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा और वृद्धि केंद्रित व पूंजीगत व्यय संचालित राजकोषीय विस्तार की दिशा में आगे बढ़ेगा। ब्रोकरेज फर्म ने हालांकि कहा कि इसके चलते कीमतों में बढ़ोतरी और बाद में ब्याज दरों का जोखिम पैदा हो सकता है।

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) सोमवार से विचार-विमर्श शुरू करेगी और बुधवार (नौ फरवरी) को नीतिगत कदमों की घोषणा करेगी। दुनिया के लगभग सभी प्रमुख केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए दरों में बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रहे हैं। भारत में मई 2020 के बाद से प्रमुख रेपो दर चार प्रतिशत पर है, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है।

बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद के बावजूद, आरबीआई धीरे-धीरे मौद्रिक नीति को सामान्य स्तर पर लाने का रास्ता अपनाएगा।

इससे पहले ब्रिटेन की एक ब्रोकरेज फर्म ने कहा था कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) अतिरिक्त नकदी को सोखने के लिए रिवर्स रेपो दर में 0.25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर सकती है। हालांकि रेपो दर, जिस पर केंद्रीय बैंक उधार देता है, में यथास्थिति बनी रह सकती है। बार्कलेज के विश्लेषकों ने अगले सप्ताह होने वाली एमपीसी की बैठक से पहले कहा कि ओमिक्रोन स्वरूप के प्रकोप और अपेक्षाकृत अनुकूल मुद्रास्फीति के बीच रिजर्व बैंक के पास वृद्धि समर्थक मौद्रिक नीति को बनाए रखने के लिए गुंजाइश है। बार्कलेज ने रिपोर्ट में कहा कि केंद्रीय बैंक अपने नकदी प्रबंधन उपायों के मद्देनजर रिवर्स रेपो दर में 0.20-0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है।

इसके अलावा भी कई विश्लेषकों ने रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी का अनुमान जताया है। उनका कहना है कि सरकारी उधारी में आश्चर्यजनक बढ़ोतरी के कारण रिजर्व बैंक नीति सामान्यीकरण की ओर बढ़ सकता है। बता दें कि रिजर्व बैंक ने दिसंबर में हुई समीक्षा बैठक में लगातार नौवीं बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा था।