बैंक ऑफ अमेरिका ने अपडेट किया Nifty का आउटलुक, दिसंबर तक 20,500 तक जाने की उम्मीद
बैंक ऑफ अमेरिका ने भारत के बेंचमार्क सूचकांकों में से एक निफ्टी के लिए अपना आउटलुक बढ़ा दिया है। बैंक ऑफ अमेरिका ने मजबूत प्रवाह और अमेरिकी मंदी का कोई जोखिम नहीं होने का हवाला देते हुए कहा कि उसे उम्मीद है कि दिसंबर तक निफ्टी 20500 अंक तक पहुंच जाएगा। बैंक ऑफ अमेरिका की यह रिपोर्ट मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के एक हफ्ते के बाद आई है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: बैंक ऑफ अमेरिका ने इंडिइन स्टॉक मार्केट के प्रमुख इंडेक्स में से एक निफ्टी के आउटलुक में सुधार किया है।
बैंक ऑफ अमेरिका ने मजबूत घरेलू प्रवाह और अमेरिका में मंदी का कोई जोखिम नहीं होने का हवाला देते हुए कहा है कि दिसंबर तक निफ्टी 20,500 अंक तक पहुंच जाएगा।
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के बाद आई बैंक ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट
बैंक ऑफ अमेरिका की यह रिपोर्ट, मॉर्गन स्टेनली द्वारा भारतीय इक्विटी बाजार को जापान को छोड़कर, एशिया के उभरते बाजारों में नंबर एक स्थान पर अपग्रेड करने और कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात को पीछे छोड़ते हुए अपग्रेड करने के एक हफ्ते बाद आई है।
बैंक ऑफ अमेरिका ने क्या दिया तर्क?
निफ्टी के आउटलुक में बदलाव करने के पीछे का तर्क बताते हुए कहा कि ऐतिहासिक रूप से निफ्टी का रिटर्न अमेरिकी मंदी की समाप्ति से कम से कम तीन महीने पहले और साथ ही फेड की दर में कटौती की शुरुआत के छह महीने बाद तक के चरण के दौरान सकारात्मक रहा है।
इसके अलावा बैंक ऑफ अमेरिका ने आउटलुक को अपडेट करने के पीछे घरेलू प्रवाह को बताया। बैंक ने कहा कि घरेलू प्रवाह मजबूत बना रह सकता है, जबकि निफ्टी मार्केट कैप का एक तिहाई अभी भी लॉन्गटर्म औसत मूल्यांकन से नीचे है।
आमगी समय में गिर सकता है बाजार
बैंक ऑफ अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि कच्चे तेल में हालिया वृद्धि और अनियमित वर्षा और संभावित चीन प्रोत्साहन पर वस्तुओं की कीमतों में तेजी के कारण मुद्रास्फीति में वृद्धि के जोखिमों को देखते हुए, बाजार निकट अवधि में गिर सकता है।
मार्च से जुलाई के बीच 15 फीसदी बढ़ा निफ्टी
बैंक ऑफ अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस साल मार्च से जुलाई के बीच निफ्टी में 15 फीसदी की तेजी आई है। मॉर्गन स्टेनली की 3 अगस्त की रिपोर्ट में भारत ने अपनी सूची में पांच स्थान की छलांग लगाई।
मॉर्गन स्टेनली ने रिपोर्ट में कहा, जापान को छोड़कर, भारत अब हमारे एशिया बास्केट में हमारा मुख्य ओवरवेट बाजार बन गया है, क्योंकि ईएम और चीन के लिए मूल्यांकन प्रीमियम पिछले अक्टूबर के उच्च स्तर से काफी कम हो गया है और फिर से बढ़ना शुरू हो गया है, जिससे चीन की रेटिंग भी कम हो गई है।