PSU banks: इस सरकारी बैंक की ग्रोथ ने सबको किया हैरान, SBI और केनरा बैंक जैसे दिग्गजों को छोड़ा पीछे
वित्त वर्ष 2023-24 में ज्यादातर सरकारी बैंक डबल-डिजिट ग्रोथ हासिल करने के लिए जूझ रहे थे। लेकिन एक बैंक की बिजनेस ग्रोथ ने सबको हैरान किया। दरअसल बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने टोटल बिजनेस और डिपॉजिट जुटाने के मामले में पब्लिक सेक्टर के सभी बड़े बैंकों को पीछे छोड़ दिया। आइए जानते हैं कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र किन मामलों में आगे रहा और बाकी सरकारी बैंकों का क्या हाल है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2023-24 में ज्यादातर सरकारी बैंक डबल-डिजिट ग्रोथ हासिल करने के लिए जूझ रहे थे। लेकिन, एक बैंक की बिजनेस ग्रोथ ने सबको हैरान किया। दरअसल, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने टोटल बिजनेस और डिपॉजिट जुटाने के मामले में पब्लिक सेक्टर के सभी बड़े बैंकों को पीछे छोड़ दिया।
पुणे मुख्यालय वाले बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने पिछले वित्त वर्ष में टोटल डोमेस्टिक बिजनेस में 15.94 फीसदी का उछाल दर्ज किया। वहीं, सरकारी क्षेत्र का सबसे बड़ा लेंडर- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) 13.12 फीसदी की ग्रोथ के साथ दूसरे नंबर पर रहा। यह जानकारी पब्लिक सेक्टर के बैंकों के वित्तीय आंकड़ों से मिली है।
टोटल बिजनेस में SBI अव्वल
SBI का टोटल बिजनेस यानी डिपॉजिट और एडवांस को मिलाकर 79,52,784 करोड़ रुपये रहा। यह बैंक ऑफ महाराष्ट्र के मुकाबले 16.7 फीसदी अधिक है। लेकिन, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने जमा जुटाने में 15.66 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ अपना शीर्ष स्थान बनाए रखा। इसके बाद SBI (11.07 प्रतिशत), बैंक ऑफ इंडिया (11.05 प्रतिशत) और केनरा बैंक (10.98 प्रतिशत) का नंबर रहा।देश में कुल 12 सरकारी बैंक हैं। इनमें सिर्फ यही चार बैंक वित्त वर्ष 2023-24 में जमा में दोहरे अंक की वृद्धि दर्ज कर सके।
CASA डिपॉजिट में बैंक ऑफ
बैंक ऑफ महाराष्ट्र कम लागत वाले CASA (करेंट अकाउंट सेविंग अकाउंट) डिपॉजिट के मामले में 52.73 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ शीर्ष पर रहा। इसके बाद 50.02 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया रहा। चालू खाते और बचत खातों का उच्च स्तर बैंकों को धन की लागत कम रखने में मदद करता है।
अगर लोन ग्रोथ की बात करें, तो कोलकाता स्थित यूको बैंक 16.38 प्रतिशत पर थोड़ा आगे रहा। यहां बैंक ऑफ महाराष्ट्र 16.30 प्रतिशत के साथ पर था। वहीं, एसबीआई ने वित्त वर्ष 24 में 16.26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। वित्त वर्ष के दौरान बाकी सरकारी बैंक की लोन ग्रोथ 16 प्रतिशत से कम रही।