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Banking Share Crash: RBI के प्रस्तावित नियमों का खौफ, धड़ाम हुए PNB, BoB, केनरा बैंक और यूनियन बैंक के शेयर

देश के बैंकिंग सेक्टर का वित्तीय प्रदर्शन पिछले दो वर्षों से शानदार आ रहा है। कमाई बढ़ रही है और मुनाफा भी बढ़ रहा है। सोमवार को दो सरकारी बैंकों के वित्तीय परिणाम (जनवरी से मार्च 2024 की तिमाही) आए हैं जो काफी अच्छे रहे हैं। इसके बावजूद 06 मई 2024 को शेयर बाजार में तकरीबन सभी बैंकों के शेयरों के भाव धड़ाम हो गये। आइए जानते हैं इसकी वजह।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 06 May 2024 09:00 PM (IST)
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शेयर बाजार में तकरीबन सभी बैंकों के शेयरों के भाव धड़ाम हो गये।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के बैंकिंग सेक्टर का वित्तीय प्रदर्शन पिछले दो वर्षों से शानदार आ रहा है। कमाई बढ़ रही है और मुनाफा भी बढ़ रहा है। सोमवार को दो सरकारी बैंकों के वित्तीय परिणाम (जनवरी से मार्च, 2024 की तिमाही) आए हैं, जो काफी अच्छे रहे हैं। इसके बावजूद 06 मई, 2024 को शेयर बाजार में तकरीबन सभी बैंकों के शेयरों के भाव धड़ाम हो गये।

क्या रही शेयरों में गिरावट की वजह

बैंकिंग शेयरों में गिरावट का कारण पिछले हफ्ते आरबीआई की तरफ से सभी तरह के बैंकों व गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लाए गए नए नियम के प्रस्ताव को बताया जा रहा है। इसके मुताबिक परियोजनाओं को कर्ज मुहैया कराने वाले सभी बैंकों (एनबीएफसी, सहकारी बैंक आदि समेत) को अब अपने मुनाफे का पांच फीसद अतिरिक्त राशि अलग से संयोजित करनी पड़ सकती है।

इसका असर यह रहा कि बाजार में पीएनबी के शेयर भाव में 6.41 फीसद, केनरा बैंक में 5.42 फीसद, बैंक ऑफ बड़ौदा में 3.71 फीसद, यूनियन बैंक में 3.12 फीसद की गिरावट आई है।

मुनाफे पर नहीं होगा कोई असर!

आरबीआई के प्रस्तावित नियम का भय इतना ज्यादा है कि बाजार खुलने से पहले कई निवेश सलाहकार एजेंसियों ने यह रिपोर्ट जारी कि इससे बैंकों के मुनाफे पर कोई असर नहीं होगा। अगर कुछ असर होगा भी तो वह पावर फाइनेंस कार्पोरेशन और आरईसी जैसी कंपनियों पर होगा, जो काफी ज्यादा परियोजनाओं को लोन मुहैया कराती हैं। सोमवार को पीएफसी के शेयर भाव में 8.93 फीसद और आरईसी के शेयर भाव में 7.35 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है।

जानकारों का कहना है कि आरबीआई ने नया नियम बड़ी संख्या में ढांचागत परियोजनाओं को कर्ज देने की स्थिति के सामने आने की वजह से लागू करने की तैयारी की है। अगर बाद में इन परियोजनाओं से कर्ज वसूलने में दिक्कत आएगी तो समायोजित राशि से बैंक अपनी स्थिति सुरक्षित रख सकता है। इससे बैंक भविष्य में फंसे कर्ज (एनपीए) की समस्या से भी बच सकेंगे।

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