MPC की विशेष बैठक से पहले RBI Governor ने हालिया कदमों का किया बचाव, कहा- महंगाई पर हमारी नजर अर्जुन की तरह
मौद्रिक नीति समिति (MPC) की गुरुवार को होने वाली अहम बैठक से पहले आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को न सिर्फ महंगाई थामने के केंद्रीय बैंक के हाल के कदमों का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि महंगाई पर हमारी पैनी नजर है।
By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Wed, 02 Nov 2022 09:34 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मौद्रिक नीति समिति (MPC) की गुरुवार को होने वाली अहम बैठक से पहले आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को न सिर्फ महंगाई थामने के केंद्रीय बैंक के हाल के कदमों का बचाव किया है, बल्कि उन्होंने कहा है कि अभी भी महंगाई रोकने को लेकर वह महाभारत के अर्जुन की तरफ मछली की आंख पर नजर टिकाए हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक संकट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ेगी।
दिसंबर से शुरू होगा डिजिटल रुपये का खुदरा लेन-देन
मुंबई में फिक्की और भारतीय बैंक संघ की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में दास ने कहा कि दिसंबर से डिजिटल रुपये का खुदरा लेन-देन में भी इस्तेमाल शुरू हो जाएगा। इसकी पायलट प्रोजेक्ट इसी महीने शुरू होगा। शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई पर हमारी पैनी नजर है और पूर्व में इसे रोकने के लिए किए गए उपायों के असर का भी आकलन किया जा रहा है।
कई चीजों को ध्यान में रखकर बनाया जाता है नीति
उन्होंने कहा कि महाभारत में जिस तरह से अर्जुन को मछली की आंख पर निशाना लगाने के लिए कई चीजों (हवा की गति, मछली की गति, शोर-शराबा, पानी के कंपन आदि) का ख्याल रखना पड़ा होगा, उसी तरह से आरबीआइ को महंगाई से जुड़े तमाम तथ्यों को ध्यान में रखना पड़ता है। हम कई चीजों को ध्यान में रखते हुए नीति बनाते हैं और आगे भी इसी तरह से नीतियां बनाएंगे।सरकार को दी जानी है सफाई
उन्होंने यह भी कहा कि अगर आरबीआइ ने समय से पहले मौद्रिक नीति को कठोर बनाया होता तो देश को इसका बड़ा खामियाजा उठाना पड़ता। दास का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि गुरुवार को एमपीसी की विशेष बैठक में महंगाई को लक्ष्य के भीतर नहीं रख पाने पर सरकार को दी जाने वाली सफाई पर मंथन किया जाना है। सरकार को आरबीआइ की तरफ से यह भी बताया जाएगा कि वह आने वाले दिनों में महंगाई को निर्धारित लक्ष्य (अधिकतम छह प्रतिशत) से नीचे रखने के लिए क्या कदम उठाने वाला है?
अभी भी 2013 से बेहतर स्थिति
शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना महामारी और यूक्रेन-रूस संघर्ष के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की अभी स्थिति वर्ष 2013 से बेहतर है। उस समय भारत दुनिया की पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में शामिल था। तब भारत का चालू खाता घाटा 4.8 प्रतिशत था, जो अब 2.8 प्रतिशत है। कुल विदेशी कर्ज के सापेक्ष विदेशी मुद्रा भंडार का अनुपात इस दौरान 73.1 प्रतिशत से बढ़कर 95.5 प्रतिशत हो गया है। आज कई बड़े देशों में महंगाई का स्तर दहाई अंक में है, जो भारत से बहुत ही ज्यादा खराब है। अमेरिका में ब्याज दरों के बढ़ने का सिलसिला खत्म होने के बाद एक बार फिर भारत के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ेगा। विदेशों से कर्ज लेने की स्थिति आसान होगी।रुपये की कीमत में नहीं आया है बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव
रुपये में गिरावट पर दास ने कहा कि जब से वैश्विक संकट शुरू हुआ है, तब से रुपये की कीमत में बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव नहीं आया है। अमेरिकी डालर और कुछ गिने चुने देशों की मुद्राओं के अलावा भारतीय रुपया दूसरे अन्य सभी मुद्राओं के मुकाबले मजबूत हुआ है। जापानी येन के मुकाबले रुपया 12.4 प्रतिशत, चीन के युआन के सापेक्ष 5.9 प्रतिशत, पाउंड स्टर्लिंग के सापेक्ष 4.6 प्रतिशत और यूरो के मुकाबले 2.5 प्रतिशत मजबूत हुआ है।
यह भी पढ़ें- 3 नवंबर को मौद्रिक नीति समिति की एक और बैठक, महंगाई पर सरकार को जवाब देने की तैयारीयह भी पढ़ें- वैश्विक चुनौतियों के बावजूद सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा भारत: आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास