Index Fund में निवेश से करें शेयर बाजार में शुरुआत, कम जोखिम के साथ उठाएं Mutual Fund वाला फायदा
अगर आप कम जोखिम में शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो फिर इंडेस्क फंड निवेश का एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें किया जाने वाला निवेश केवल इंडेक्स में ही किया जाता है। पिछले पांच सालों में निफ्टी ने 81.27 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Tue, 06 Dec 2022 01:30 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना महामारी शुरू होने के बाद सेभारतीय शेयर बाजार में पिछले दो साल में बड़ा उछाल देखने को मिला है। इस कारण बड़ी संख्या में निवेशक भारतीय शेयर बाजार की ओर आकर्षित हुए हैं। अगर भी आप ऐसे निवेशकों में शामिल हैं, जिन्हें शेयर बाजार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है और निवेश करना चाहते हैं ऐसे निवेशकों के लिए इंडेक्स फंड एक अच्छा विकल्प होता है।
इंडेक्स फंड के बारे में जानने से पहले आपको निफ्टी और सेंसेक्स के बारे में बेसिक जानकारी पता होनी चाहिए। देश में शेयर बाजार में ट्रेड करने (खरीद बिक्री करने) के लिए दो बड़े एक्सचेंज हैं - पहला नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और दूसरा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)। एनएसइ का मुख्य सूचकांक निफ्टी50 है। आमतौर पर इसे निफ्टी के नाम से भी जाना जाता है। इसमें नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की 50 सबसे बड़ी कंपनियों को शामिल किया जाता है। वहीं, बीएसइ का मुख्य सूचकांक सेंसेक्स है, जिसमें बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की 30 सबसे बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
क्या होता है Index Fund?
इंडेस्क फंड एक प्रकार का म्यूचुअल फंड होता है, लेकिन इस फंड की सबसे खास बात होती है कि इसमें केवल इंडेक्स में ही पैसा लागया जाता है। इसमें अन्य के मुकाबले सबसे बड़ा अंतर यह है कि इसमें म्यूचुअल फंड का प्रबंधन करने के लिए प्रबंधक नहीं होता है और इससे निवेशक का कमीशन बच जाता है। वहीं, अन्य फंड्स में कमीशन देने के बाद निवेशक को रिटर्न मिलता है। उदाहरण के लिए अगर कोई निवेशक इंडेक्स फंड में निवेश करने का विकल्प चुनता है, तो फिर निफ्टी या सेंसेक्स के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में ही लगाया जाएगा।
क्या है Index Fund में अंतर?
अगर कोई निवेशक गैर-इंडेस्क फंड में निवेश करता है, तो फिर फंड पैसा किस कंपनी में निवेश करेगा। इसका फैसला फंड के प्रबंधक की ओर से लिया जाएगा। वहीं, इंडेस्क फंड निफ्टी और सेंसेक्स के आधार पर चलते हैं। मान लीजिए अगर किसी निवेशक ने निफ्टी के इंडेस्क फंड में पैसा लगाया हुआ है, तो उसका निवेश भी निफ्टी में मौजूद 50 कंपनियों में किया गया है। अगर निफ्टी 50 में कोई बदलाव आता है, तो निवेशक के पोर्टफोलियो पर असर होता है।