BHEL ने भरा सरकार का खजाना, वित्त वर्ष 23 के लिए दिया 88 करोड़ रुपये का डिविडेंड
सरकारी स्वामित्व वाली इंजीनियरिंग कंपनी BHEL ने आज अपने मुनाफे का हिस्सा सरकार को सौंप दिया। बीएचईएल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अंतिम लाभांश के रूप में केंद्र सरकार को 88 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। BHEL में भारत सरकार की 63.17% हिस्सेदारी है। लाभांश का चेक आज भेल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नलिन शिंगल ने केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे को सौंपा।
पीटीआई, नई दिल्ली: सरकारी इंजीनियरिंग फर्म बीएचईएल (BHEL) ने आज सरकार को अपना प्रॉफिट का हिस्सा दिया। बीएचईएल ने केंद्र सरकार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए फाइनल डिविडेंड के रूप में 88 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
सरकार के पास कितनी है हिस्सेदारी?
बीएचईएल में भारत सरकार के पास कंपनी की 63.17 प्रतिशत हिस्सेदारी है। डिविडेंड का चेक आज बीएचईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नलिन सिंघल (Nalin Shinghal) ने केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे को दिया।
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कंपनी के शेयरधारकों को भुगतान किया गया कुल लाभांश 139 करोड़ रुपये से अधिक है।
कैसा रहा आज BHEL का शेयर?
गुरुवार 5 सिंतबर को बीएचईएल का शेयर बाजार में सपाट स्तर पर बंद हुआ। आज कंपनी का शेयर 127 रुपये पर बंद हुआ।
क्या है बीएचईएल?
बीएचईएल की आधिकारीक वेबसाइट के मुताबिक, बीएचईएल ऊर्जा और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में भारत का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग और विनिर्माण उद्यम है।
इसकी स्थापना 1964 में हुई थी। यह विश्व स्तर पर एक अग्रणी बिजली उपकरण निर्माता हैं और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में सबसे शुरुआती और अग्रणी योगदानकर्ताओं में से एक है।
बीएचईएल के पास पावर-थर्मल, हाइड्रो, गैस, परमाणु और सौर पीवी के क्षेत्रों में उत्पादों, प्रणालियों और सेवाओं, संचरण, परिवहन, रक्षा एवं एयरोस्पेस, तेल एवं गैस और बीईएसएस और ईवी चार्जर जैसे नए क्षेत्र जैसे पोर्टफोलियो है।