PLI स्कीम से 'मेड इन इंडिया' को मिला बड़ा बूस्ट, फार्मा सेक्टर में आया सबसे ज्यादा पैसा, बाकियों का क्या रहा हाल?
देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। इस स्कीम के दायरे में 14 सेक्टर है इनमें से फार्मा और सोलर मॉड्यूल सेगमेंट में PLI के तहत निवेश काफी बढ़ा है। हालांकि कुछ सेक्टर में अभी भी निवेश उम्मीद के हिसाब से काफी कम है। आइए जानते हैं पूरी खबर।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने चार साल पहले प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम शुरू की थी। इसमें कंपनियों को भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने पर बड़ी छूट दी जाती है।
यह योजना एक हद तक सफल रही है और इसका कुछ सेक्टर में सकारात्मक असर नजर रहा है। लेकिन, अभी भी कई मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ऐसे हैं, जिनमें सरकार की उम्मीद के मुताबिक निवेश नहीं आ रहा है।
आइए जानते हैं कि किन सेक्टर में निवेश बढ़ा है और बाकी सेक्टर में इन्वेस्टमेंट बढ़ाने के लिए सरकार क्या कर रही है।
PLI के तहत कितना निवेश आया?
सरकारी डेटा के मुताबिक, PLI स्कीम के तहत 14 सेक्टरों को दिसंबर 2023 तक 1.06 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश मिला। इसमें फार्मा और सोलर मॉड्यूल सेगमेंट का योगदान तकरीबन आधा है।हालांकि, पिछले साल दिसंबर तक आईटी हार्डवेयर, ऑटो और ऑटो कंपोनेंट, टेक्सटाइल और एसीसी बैटरी स्टोरेज जैसे क्षेत्रों में योजना को सुस्त रिस्पॉन्स मिला था।
सरकार ने 2021 में टेलीकॉम, व्हाइट गुड्स, कपड़ा, मेडिकल इक्विपमेंट, ऑटोमोबाइल, विशेष इस्पात, खाद्य उत्पाद, सोलर पीवी मॉड्यूल, अडवांस केमिस्ट्री सेल बैटरी, ड्रोन और फार्मा जैसे 14 क्षेत्रों के लिए PLI स्कीम का एलान किया था।