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Diamond Sector: बंद हो रहे कारखाने, बड़े पैमाने पर नौकरियां जाने का खतरा; क्यों बढ़ रहा संकट?

2021-22 में 18.5 अरब डॉलर से 2023-024 में 14 अरब डॉलर तक कच्चे हीरे के आयात में 24.5 प्रतिशत की गिरावट कमजोर वैश्विक बाजारों और कम प्रसंस्करण आर्डर (ठेकों) को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष ने वैश्विक हीरा सप्लाई चेन को भी प्रभावित किया है। रूस एक प्रमुख कच्चा हीरा उत्पादक है उस पर प्रतिबंधों ने व्यापार को और जटिल बना दिया है।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Wed, 18 Sep 2024 06:40 PM (IST)
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उपभोक्ता प्रयोगशाला में बने डायमंड को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत का हीरा क्षेत्र गंभीर संकट का सामना कर रहा है। पिछले तीन वर्षों में आयात और निर्यात दोनों में भारी गिरावट आई है। इससे बैंक कर्ज के भुगतान में चूक, कारखाने बंद होने और बड़े पैमाने पर नौकरियां जाने की खतरा पैदा हो गया है। यह बात आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI ) ने कही है। हालांकि, निर्यात आय में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन ऑर्डर में कमी और प्रयोगशाला में बनने वाले हीरों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण कच्चे हीरों का भंडार बढ़ रहा है।

डायमंड सेक्टर काफी बुरे दौर से गुजर रहा है। दुख की बात यह है कि गुजरात के हीरा उद्योग से जुड़े 60 से अधिक लोगों ने आत्महत्या की है, जो भारत के हीरा उद्योग पर पड़ रहे गंभीर वित्तीय और भावनात्मक दबाव को दर्शाता है।

अजय श्रीवास्तव, जीटीआरआई के फाउंडर

आर्थिक शोध संस्थान के अनुसार, 2021-22 में 18.5 अरब डॉलर से 2023-024 में 14 अरब डॉलर तक कच्चे हीरे के आयात में 24.5 प्रतिशत की गिरावट कमजोर वैश्विक बाजारों और कम प्रसंस्करण आर्डर (ठेकों) को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष ने वैश्विक हीरा सप्लाई चेन को भी प्रभावित किया है। रूस एक प्रमुख कच्चा हीरा उत्पादक है, उस पर प्रतिबंधों ने व्यापार को और जटिल बना दिया है। इसने वैश्विक हीरा व्यापार को भी धीमा कर दिया है।

जीटीआरआई के फाउंडर अजय श्रीवास्तव का कहना है कि प्रयोगशाला में तैयार किए गए हीरों की ओर उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग प्राकृतिक हीरों की मांग को प्रभावित कर रही है। ऐसा माना जाता है कि प्रयोगशाला में बने हीरे अधिक किफायती और टिकाऊ होते हैं। भारतीय हीरा उद्योग में 7,000 से अधिक कंपनियां शामिल हैं जो हीरे की कटाई, उन्हें तराशने और निर्यात जैसी विभिन्न गतिविधियों में शामिल हैं।

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