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क्या होता है Pink Tax? Biocon फाउंडर Kiran Mazumdar Shaw का पोस्ट हुआ वायरल, बोली- यह भेदभाव क्यों

महिलाओं के उत्पाद पर पिंक टैक्स लगाया जाता है। पिंक टैक्स एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। भारतीय फार्मास्युटिकल दिग्गज बायोकॉन (Biocon) की फाउंडर किरण मजूमदार-शॉ (Kiran Mazumdar Shaw) ने पिंक टैक्स को लेकर एक्स पर पोस्ट किया है। इस पोस्ट पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। पिंक टैक्स एक वैश्विक मुद्दा है। इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं।

By Jagran News Edited By: Priyanka Kumari Updated: Thu, 14 Mar 2024 02:45 PM (IST)
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क्या होता है Pink Tax? (जागरण फोटो)
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय फार्मास्युटिकल दिग्गज बायोकॉन (Biocon) की फाउंडर किरण मजूमदार-शॉ (Kiran Mazumdar-Shaw) ने पिंक टैक्स (Pink Tax) को लेकर नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने इसको लेकर एक्स पर पोस्ट किया जिसके बाद इस पर चर्चा शुरू हो गई।

अपने पोस्ट में उन्होंने कहा कि पिंक टैक्स", एक भेदभावपूर्ण प्रथा है, जहां महिला उत्‍पादों की कीमत अक्सर पुरुषों के समान वस्तुओं की तुलना में काफी अधिक होती है।

मजूमदार-शॉ का पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। किरण ने अपने पोस्ट में मीडिया पर्सनैलिटी डॉ. संजय अरोड़ा का वीडियो को पोस्ट किया। डॉ संजय ने अपने वीडियो में महिलाओं और पुरुषों के प्रोडक्ट की कीमतों के अंतर को उजागर किया है।

उन्होंने अपने वीडियो में बताया कि महिलाओं के लिए एक लिप बाम 35% अधिक, एक प्‍लेन रेजर 10% अधिक, और एक साधारण टी-शर्ट 50% तक अधिक कीमत पर मिलती है।

डॉ. संजय अरोड़ा ने बताया कि एक ही ब्रांड में जहां महिलाओं के लिप बाम की कीमत 250 है तो वहीं पुरुष के लिप बाम की कीमत 150 रुपये है।

डॉ. अरोड़ा अपने वीडियो में महिलाओं पर हो रहे अन्याय पर प्रकाश डाला है। वह कहते हैं कि महिलाएं, जो पहले से ही एक महत्वपूर्ण वेतन अंतर का सामना कर रही हैं, केवल अपने लिंग के कारण बुनियादी आवश्यकताओं के लिए बढ़ी हुई कीमतों का भुगतान करने के लिए मजबूर हैं।

ग्लोबल प्रॉब्लम है "Pink Tax"

पिंक टैक्स केवल भारतीय मुद्दा नहीं है। अमेरिका और ब्रिटेन में हुए अध्ययन से पता चलता है कि महिलाओं की व्यक्तिगत देखभाल की वस्तुएं पुरुषों की तुलना में नियमित रूप से अधिक महंगी होती हैं। इसके अलावा ड्राई क्लीनिंग जैसी सेवाओ में भी महिलाओं के कपड़ों पर ज्यादा शुल्क लगता है।

पिंक टैक्स को लेकर मजूमदार-शॉ ने उपभोक्ताओं को एक शक्तिशाली संदेश दिया। उन्होंने कहा कि "पिंक टैक्स! एक शर्मनाक लैंगिक पूर्वाग्रह है। महिलाओं को ऐसे उत्पादों से दूर रहना चाहिए। महिलाओं को इन कंपनियों का बहिष्कार करना चाहिए।''