फिर महंगी हुई वेज और नॉन-वेज थाली, मसाले, तेल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी है वजह
नई रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि पिछले महीने में नॉन वेज और वेज थाली की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। बताया जा रहा है कि वेज थाली की कीमत 11 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं नॉन वेज थाली की कीमत 6 प्रतिशत बढ़ा दी गई है। बता दें कि सलाना स्तर पर इसकी कीमतों में कमी आई है। आइये इसके बारे में जानते हैं।
आईएएनएस, नई दिल्ली। आज यानी मंगलवार को एक नई जारी की गई, जिसमें बताया गया कि जुलाई महीने में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों थालियों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है। जहां वेज थाली की कीमत 11 प्रतिशत बढ़ी है, वहीं नॉन वेज थाली की कीमत में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, क्योंकि सामग्री की कीमतें बढ़ गई हैं।
हालांकि, साल-दर-साल, जुलाई में घर पर पकाई गई शाकाहारी थाली की कीमत में 4 प्रतिशत की कमी आई, जबकि मांसाहारी थाली की कीमत में 9 प्रतिशत की कमी आई।
इन कारणों से बढ़ी कीमत
क्रिसिल के भोजन की थाली की लागत के मासिक संकेतक के अनुसार, अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस की कीमतों ने थाली की कीमत में बदलाव किया। शाकाहारी थाली की कीमत में 11 प्रतिशत की वृद्धि में से सात प्रतिशत वृद्धि केवल टमाटर की कीमतों के कारण हुई है, जो जून में 42 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर जुलाई में 66 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है।क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के अनुसंधान निदेशक पुशन शर्मा ने कहा कि मासिक आधार पर शाकाहारी थाली की कीमतों में 11% की वृद्धि में से 7% की वृद्धि टमाटर की ऊँची कीमतों के कारण है। फिर भी, टमाटर की कीमतें पिछले साल की तुलना में कम हैं – जुलाई 2023 में ये ₹100 प्रति किलोग्राम से अधिक हो गई थीं। जबकि कीमतें जुलाई के उच्चतम स्तर से घट गई हैं, इनके अगस्त के अंत तक स्थिर रहने की उम्मीद है जब दक्षिण और पश्चिमी बाजारों से नई फसल की आवक होगी।
आंकड़ों के अनुसार, इसका मुख्य कारण कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों में उच्च तापमान के कारण गर्मियों की फसल पर असर पड़ना था। इसके अतिरिक्त, कर्नाटक में मई में छिटपुट बारिश के कारण सफेद मक्खी का प्रकोप बढ़ गया, जिससे फसल उत्पादन पर असर पड़ा।
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