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BPCL ने जारी किए Q1 के नतीजे, 10644 करोड़ रुपये का कमाया नेट प्रॉफिट, 7 प्रतिशत घटा रेवेन्यू

सरकारी स्वामित्व वाली तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने आज 2024 की पहली तिमाही के नतीजे जारी किए। नतीजों के मुताबिक कंपनी ने जून तिमाही में 10644 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। आपको बता दें कि कंपनी को पिछले साल की समान अवधि में 6147 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 26 Jul 2023 04:49 PM (IST)
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BPCL released Q1 results, earned net profit of Rs 10644 crore, revenue decreased by 7 percent

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: सरकारी तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने आज अपने वित्त वर्ष 24 के पहले तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। नतीजों के मुताबिक कंपनी को जून तिमाही में 10,644 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ है।

पिछले वर्ष की समान तिमाही में हुआ था घाटा

स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई कंपनी की फाइलिंग के अनुसार, अप्रैल-जून में कंसोलिडेट नेट प्रॉफिट 10,644.30 करोड़ रुपये था, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में 6,147.94 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ था।

कंपनी ने बताया कि पहली तिमाही में कमाई पिछली जनवरी-मार्च तिमाही के 6,870.47 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट से 55 फीसदी ज्यादा रही।

7 प्रतिशत घटा रेवेन्यू

बीपीसीएल ने बताया कि कंपनी का रेवेन्यू 7 प्रतिशत गिरकर 1.28 लाख करोड़ रुपये रहा। स्टॉक फाइलिंग के मुताबिक कंपनी ने 30 जून को समाप्त तिमाही के दौरान कच्चे तेल के प्रत्येक बैरल को ईंधन में बदलने पर 12.64 अमेरिकी डॉलर कमाए, जबकि पिछले साल की समान अवधि में सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) 27.51 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था।

41 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा EBITDA

अप्रैल-जून में कंपनी का EBITDA तिमाही दर तिमाही 41.8 फीसदी बढ़कर 15,809.7 करोड़ रुपये हो गया।

अप्रैल-जून में बीपीसीएल को हुआ मुनाफा पूरे 2022-23 में 2,892.34 करोड़ रुपये के कुल नेट प्रॉफिट से कई गुना ज्यादा है।

आज कैसा रहा शेयर?

आज एनएसई पर बीपीसीएल के शेयर सपाट स्तर पर बंद हुए। कंपनी के शेयर आज 0.80 रुपये बढ़कर 387.20 पर बंद हुए।

तेल कंपनियां नहीं कर रही थी प्रतिदिन रेट को रिवाइज

आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने पिछले साल दैनिक मूल्य संशोधन को अस्थायी रूप से रोक दिया था और लागत के अनुरूप पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन नहीं किया था और जब तेल की कीमतें खुदरा बिक्री मूल्यों से अधिक थीं तो उन्हें जो नुकसान हुआ था, उसकी भरपाई दरों में गिरावट से हो गई।

जब इनपुट लागत खुदरा बिक्री मूल्यों से अधिक थी तब कीमतें बनाए रखने से तीन कंपनियों को नेट अर्निंग लॉस दर्ज करनी पड़ी। उन्होंने अप्रैल-सितंबर के दौरान 21,201.18 करोड़ रुपये का संयुक्त नेट लॉस दर्ज किया था।