Move to Jagran APP

शेयर मार्केट में तेजी का दिखा जादू, 460 लाख करोड़ के नए उच्च स्तर पर पहुंचा बीएसई का पूंजीकरण

शेयर बाजार में हैरतंगेज तेजी के पीछे कई कारण हैं। जैसे कि केंद्र सरकार में नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली एनडीए सरकार की वापसी और ग्लोबल मार्केट्स में पॉजिटिव माहौल। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भी भारतीय बाजार में फिर से वापसी कर रहे हैं। साथ ही कंपनियों की मजबूत अर्निंग्स ने भी निवेशकों का हौसला बढ़ाया है। घरेलू निवेशकों भी बाजार में लगातार खरीदारी रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 30 Jul 2024 08:00 PM (IST)
Hero Image
सेंसेक्स 81,814.27 अंक के उच्च स्तर तक पहुंचा।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। शेयर बाजारों में लगातार तेजी के दम पर बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 460.91 लाख करोड़ रुपये या 5.50 ट्रिलियन डॉलर के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया है। मंगलवार को बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 99.56 अंक की बढ़त के साथ 81,455.40 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर जाकर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार के दौरान सेंसेक्स 81,814.27 अंक के उच्च स्तर तक पहुंचा।

इसी तरह, एनएसई का निफ्टी 21.20 अंक बढ़कर 24,857.30 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर जाकर बंद हुआ। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि म्यूचुअल फंड में निरंतर पूंजी प्रवाह और खुदरा निवेशकों का उत्साह बाजार को लचीला बनाए रखेगा। उन्होंने कहा कि उच्च मूल्यांकन चिंता का विषय बना हुआ है। अच्छी आय संभावना वाले उच्च गुणवत्ता वाले शेयरों की खरीदारी से बाजारों को मजबूती मिल रही है।

क्या है शेयर मार्केट में तेजी की वजह

शेयर बाजार में हैरतंगेज तेजी के पीछे कई कारण हैं। जैसे कि केंद्र सरकार में नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली एनडीए सरकार की वापसी और ग्लोबल मार्केट्स में पॉजिटिव माहौल। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भी भारतीय बाजार में फिर से वापसी कर रहे हैं। साथ ही, कंपनियों की मजबूत अर्निंग्स ने भी निवेशकों का हौसला बढ़ाया है।

घरेलू निवेशकों भी बाजार में लगातार खरीदारी रहे हैं। खासकर, गिरावट में खरीद वाली नीति के हिसाब से। भारतीय इकोनॉमी के ग्रोथ की संभावनाएं भी काफी मजबूत हैं। मानसून भी सामान्य से बेहतर रहने का अनुमान है। इन सबके चलते शेयर मार्केट में तेजी देखने को मिल रही है।

हालांकि, कई एनालिस्ट्स ऊंचे वैल्यूएशन और जून तिमाही के कमजोर अर्निंग्स के चलते सतर्क भी हैं। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, निफ्टी-50 कंपनियों के जून तिमाही में शुद्ध मुनाफे में औसतन सिर्फ 0.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही, उनके वॉल्यूम ग्रोथ में सुस्ती और मार्जिन में नरमी भी नजर आ रही है। कुछ कमजोर प्रदर्शन वाले सेक्टर में तेजी से उछाल देखा गया है, जिसने चीजें और भी ज्यादा जटिल हो गई हैं।