रक्षा क्षेत्र के लिए वैकल्पिक नेटवर्क तैयार करेगी बीएसएनएल
सरकारी दूरसंचार कंपनी भारतीय संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) सेना को पहले ज्यादा मजबूत करने के लिए अपनी कमर कस कर रही है। कंपनी द्वारा सशस्त्र सेनाओं के लिए विशेषतौर पर एक नया संचार नेटवर्क जुलाई 2015 तक तैयार किए जाने की संभावना जताई जा रही है। यदि कंपनी समय पर काम कर लेती है तो रक्षा क्षेत्र 150 मेगाहट्ज
नई दिल्ली। सरकारी दूरसंचार कंपनी भारतीय संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) सेना को पहले ज्यादा मजबूत करने के लिए अपनी कमर कस कर रही है। कंपनी द्वारा सशस्त्र सेनाओं के लिए विशेषतौर पर एक नया संचार नेटवर्क जुलाई 2015 तक तैयार किए जाने की संभावना जताई जा रही है। यदि कंपनी समय पर काम कर लेती है तो रक्षा क्षेत्र 150 मेगाहर्ट्ज का दूरसंचार स्पेक्ट्रम छोड़ सकता है। बीएसएनएल के चेयरमैन आर के उपाध्याय के मुताबिक, वैकल्पिक रक्षा नेटवर्क कैबिनेट की मंजूरी से तीन साल में पूरा किए जाने का लक्ष्य है। यह जुलाई 2015 तक पूरा होगा और इसमें ऑप्टिकल फाइबर तथा उपग्रह लिंक का इस्तेमाल होगा.
उन्होंने कहा कि कम समय के बावजूद बीएसएनएल इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हरंसभव प्रयास कर रही है। रक्षा क्षेत्र द्वारा 150 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम जारी किए जाने से देश में दूरसंचार क्षेत्र की जरूरतों लिए और अधिक एयरवेव उपलब्ध होगी। बुनियादी ढांचे पर मंत्रिमंडलीय समिति ने रक्षा नेटवर्क परियोजना के लिए जुलाई 2012 में 13,334 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी। रक्षा क्षेत्र से मिलने वाले 150 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम 1700 से 2000 मेगाहर्ट्ज की फ्रिक्वेंसी दायरे में होगा। माना जा रहा है कि इसका मूल्य 3.6 लाख करोड़ रुपये तक होगा। हालांकि, यह मूल्य भविष्य में बाजार परिस्थितियों और सरकारी निर्णय से अलग भी हो सकता है।