Budget 2022 ने देश में 'अमृत काल' का किया आगाज; समावेशन, सार्वजनिक निवेश और डिजिटाइजेशन इसके तीन अहम स्तंभ
देश के दिग्गज व्यक्तियों ने भी बजट में उठाए गए कदमों- खास तौर पर समावेशन सार्वजनिक निवेश और डिजिटाइजेशन को सराहा है। आइए विस्तार से जानते हैं कि विभिन्न क्षेत्र के दिग्गजों के बजट 2022 को लेकर क्या विचार हैं।
By Manish MishraEdited By: Updated: Fri, 04 Feb 2022 03:41 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Budget 2022 के अपने भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 'अमृत काल' (Amrit Kaal) का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि यह बजट अगले 25 वर्षों के लिए आधार का काम करेगा। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि अगला 25 साल 'अमृत काल' है। इस दौरान आत्मनिर्भर भारत के लिए जो संकल्प लिए गए हैं, उसे हासिल करने की दिशा में देश आगे बढ़ेगा। बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए देश के दिग्गज व्यक्तियों ने भी बजट में उठाए गए कदमों- खास तौर पर समावेशन, सार्वजनिक निवेश और डिजिटाइजेशन को सराहा है। आइए, विस्तार से जानते हैं कि विभिन्न क्षेत्र के दिग्गजों के बजट 2022 को लेकर क्या विचार हैं।
EY के ग्लोबल इमर्जिंग मार्केट्स के चेयर और इसके भारत के चेयरमैन राजीव मेमानी अपने एक लेख में कहते हैं कि बजट 2022 संरचनात्मक बदलावों और डिजिटाइजेशन पर मोदी सरकार के फोकस को आगे बढ़ाता है। UPI, आधार, Co-Win के लॉन्च के बाद अब आने वाला ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स सरकार की इस थीम को आगे बढ़ता दिखाता है।यह भी पढ़ें : डिजिटल क्रांति की तैयारी को बजट ने दिया आकार, सभी वर्गों को डिजिटल धागे में पिरोने से होंगे ये फायदे
KPMG India के CEO येज़्दी नागपुरवाला के विचार भी बजट 2022 को लेकर सकारात्मक ही हैं। उनके अनुसार यह बजट ग्रोथ को एक नई दिशा देने वाला है। सभी महत्वपूर्ण विषयों नरेन्द्र मोदी सरकार ने समग्र और एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया है। अगर इन्हें प्रभावी तरीके से लागू किया गया तो निश्चित तौर पर ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा। नागपुरावाला कहते हैं कि बुनियादी ढांचा के विकास पर लगातार फोकस करने के साथ ही वर्तमान बजट का लक्ष्य अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को भी नई ऊर्जा देना है। जैसी की उम्मीद थी, बजट में एमएसएमई सेक्टर को भी जिस मदद की दरकार थी, उसके उपाय किए गए हैं। इसके अलावा, डिजिटल करेंसी से जुड़े नियमन का मार्ग भी प्रशस्त किया गया है। सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों से कोरोना वायरस से प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था को उबरने में मदद मिलेगी और ग्रोथ को एक नई गति मिलेगी।
यह भी पढ़ें: अर्थशास्त्र से निकली प्रधानमंत्री मोदी की राजनीति, 'अच्छे दिन' को बजट के जरिए धरातल पर उतारने की तैयारी के साथ ही विकास पर जोर
येज़्दी नागपुरवाला ने यह भी कहा कि नई प्रौद्योगिकी जैसे डिजिटल करेंसी, 5जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और ड्रोन टेक्नोलॉजी को लेकर बजट में जो घोषणाएं की गई हैं, उससे देश को 'अमृत काल' के दौरान तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
यह भी पढ़ें: मोदी सरकार के आम बजट की चहुंओर सराहनाEY के मेमानी भी अपने लेख में कहते हैं कि बजट में टेली-मेंटल हेल्थ की घोषणा, नागरिकों के कौशल विकास के लिए DESH-Stack ई-पोर्टल बनाना, वित्त वर्ष 2022-23 में ब्लॉकचेन आधारित डिजिटल रुपी की शुरुआत, डिजिटल भुगतान को और प्रोत्साहित करने के लिए डिजिटल बैंकिंग यूनिट की स्थापना, केंद्र सरकार द्वारा की जाने वाली खरीदारियों के लिए एंड-टु-एंड ई-बिल प्रणाली जैसे कदम बजट में किए गए मजबूत पहल हैं।
बजट में नई मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों के लिए जो प्रावधान किए गए हैं, वे भी स्वागत योग्य हैं। बजट में प्रस्ताव रखा गया है कि 31 मार्च 2023 से 31 मार्च 2024 तक जो कंपनियां मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाएंगी उन्हें 15 फीसद की दर से टैक्स देना होगा। इस प्रकार, नई कंपनियों को टैक्स के मद में 7-8 फीसद का लाभ होगा। साथ ही इससे मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा, जो रोजगार सृजन में अहम भूमिका निभा सकते हैं।