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Budget 2024: ऊर्जा सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भरता पर जोर, देश में लगाए जाएंगे छोटे व मॉड्यूलर परमाणु ऊर्जा संयंत्र

देश में ऊर्जा बदलाव के संबंध में एक नीतिगत दस्तावेज तैयार करने की घोषणा की है जो यह बताएगा कि भारतीय इकोनमी में किस तरह से पारंपरिक ऊर्जा की जगह धीरे धीरे गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों का महत्व स्थापित होगा। यह दस्तावेज ऊर्जा सेक्टर में रोजगार विकास और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों का भी हल बताएगा। आयात सस्ता होने से इनका निर्माण भारत में करने में आसानी होगी।

By Jagran News Edited By: Yogesh Singh Updated: Tue, 23 Jul 2024 07:46 PM (IST)
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इस सेक्टर में शोध व अनुसंधान के लिए केंद्र की तरफ से फंड दिया जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विकसित भारत बनने के लिए ऊर्जा सुरक्षा एक बड़ी शर्त है लेकिन ऊर्जा सुरक्षा के लिए सरकार सिर्फ पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों पर निर्भर नहीं रहना चाहती। सोलर, विंड इनर्जी को लेकर सरकार पहले ही काफी कुछ कर चुकी है अब फोकस परमाणु ऊर्जा और पम्पड स्टोरेज जैसे उन क्षेत्रों पर है जहां भारत बहुत ज्यादा संभावनाएं देख रहा है। आम बजट 2024-25 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऊर्जा सुरक्षा को इस बजट के नौ प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक दर्शाया।

उन्होंने देश में ऊर्जा बदलाव के संबंध में एक नीतिगत दस्तावेज तैयार करने की घोषणा की है जो यह बताएगा कि भारतीय इकोनमी में किस तरह से पारंपरिक ऊर्जा की जगह धीरे धीरे गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों का महत्व स्थापित होगा। यह दस्तावेज ऊर्जा सेक्टर में रोजगार, विकास और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों का भी हल बताएगा।वित्त मंत्री ने बजटीय प्रस्ताव में निकेल, कोबाल्ट, कापर, लिथियम जैसे कुछ उत्पादों के आयात पर शुल्क घटाने का भी ऐलान किया है। इन उत्पादों का इस्तेमाल परमाणु ऊर्जा, सोलर ऊर्जा व दूसरे ऊर्जा क्षेत्रों में होता है।

आयात सस्ता होने से इनका निर्माण भारत में करने में आसानी होगी। वित्त मंत्री ने बताया कि परमाणु उर्जा, रिनीवेबल ऊर्जा, अंतरिक्ष, रक्षा जैसे क्षेत्रों में इस्तेमाल होने वाले 25 आवश्यक धातुओं पर सीमा शुल्क को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। जबकि दो उत्पादों पर मूल आयात शुल्क (बीसीडी) को कर दिया गया है। वैसे इस कदम का फायदा इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों और बैट्री बनाने वाले सेक्टर को भी होगा। हाल के वर्षों में कुछ देशों में छोटे परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में सफलता हासिल की है। वित्त मंत्री ने देश में भारत स्मॉल रिएक्टर की स्थापना क रने, इसके लिए अनुसंधान के लिए निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करने की बात कही है।

इस सेक्टर में शोध व अनुसंधान के लिए केंद्र की तरफ से फंड दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया है कि बहुत ही प्रभावशाली अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट बनाने का स्वदेशी प्रौद्योगिकी भारत ने तैयार कर लिया है। पहली बार इसके तहत 800 मेगावाट क्षमता का एक प्लांट सरकारी क्षेत्र की एनटीपीसी और बीएचईएल मिल कर स्थापित करेंगे। इसके लिए आवश्यक राशि का इंतजाम सरकार की तरफ से होगा। यह पूरी तरह से भारतीय उत्पादों व प्रौद्योगिकी से तैयार बिजली संयंत्र होंगे जो कोयला आधारित होते हुए भी पर्यावरण को बहुत ही कम क्षति पहुंचाते हैं।

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