Budget 2024: कृषि उत्पादकता में बढ़ोतरी एवं डिजिटल एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी पर फोकस
सूत्रों के मुताबिक किसान संघ ने वित्त मंत्री के साथ कृषि सेक्टर को लाभदायक बनाने एवं खेती को टिकाऊ बनाने पर प्रमुखता से चर्चा की। किसान संघ सिंचाई की सुविधा को व्यापक बनाने और कृषि से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार की मांग की। खास कर किसानों को डिजिटल सुविधा से जोड़ने पर ज्यादा जोर दिया गया। कुछ किसान संगठनों ने कहा 65 प्रतिशत आबादी अब भी कृषि पर निर्भर है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सिंचाई की सुविधा, डिजिटल कृषि टेक्नोलॉजी के साथ खेती की उत्पादकता बढ़ाने के उपाय पर आगामी बजट में सरकार का जोर रह सकता है। वहीं, निवेश की जगह रोजगार सृजन के आधार पर एमएसएमई के लिए इंसेंटिव से जुड़ी स्कीम लाई जा सकती है।
बजट पूर्व चर्चा के लिए शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एवं वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ किसान संघ एवं एमएसएमई की बैठक की गई। शनिवार को सीतारमण राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व चर्चा करेंगी।
किसानों ने रखीं ये मांगें
सूत्रों के मुताबिक किसान संघ ने वित्त मंत्री के साथ कृषि सेक्टर को लाभदायक बनाने एवं खेती को टिकाऊ बनाने पर प्रमुखता से चर्चा की। किसान संघ सिंचाई की सुविधा को व्यापक बनाने और कृषि से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार की मांग की। खास कर किसानों को डिजिटल सुविधा से जोड़ने पर ज्यादा जोर दिया गया।
कुछ किसान संगठनों ने कहा कि 65 प्रतिशत आबादी अब भी कृषि पर निर्भर है, इसलिए खेती से जुड़ी सब्सिडी की राशि बढ़ाई जाए। खेती में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न उपकरणों पर लगने वाले जीएसटी उन्हें वापस देने की व्यवस्था हो।
सभी को मिले पीएलआई जैसी स्कीम का लाभ
दूसरी तरफ एमएसएमई ने वित्त मंत्री से कहा कि किसी सेक्टर विशेष की जगह सभी सेक्टर के एमएसएमई को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) जैसी स्कीम का लाभ मिलना चाहिए। तभी अधिक से अधिक एमएसएमई मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रोत्साहित हो सकेंगे। फेडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो एंड स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (फिस्मे) ने वित्त मंत्री से कहा कि 14 सेक्टर के लिए घोषित पीएलआई स्कीम में निवेश व उत्पादन के आधार पर इंसेंटिव की व्यवस्था है जबकि एमएसएमई को रोजगार सृजन के आधार पर इंसेंटिव दिया जाना चाहिए।
मैन्युफैक्चरिंग के जरिए रोजगार सृजन के आधार पर इंसेंटिव तय होना चाहिए। माना जा रहा है कि आगामी बजट में ऐसा उपाय किया जा सकता है। वित्त मंत्री से उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत उद्यमियों को ब्याज दरों में छूट देने के साथ उन्हें इनकम टैक्स में छूट देने की मांग की गई। उद्यमियों ने मशीनरी के आयात पर लगने वाले शुल्क को भी खत्म करने की मांग की।
22 जून को जीएसटी काउंसिल की बैठक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक होनी है। सूत्रों का कहना है कि केंद्र व राज्य के बीच वित्तीय संबंधों व वित्तीय बंटवारे की व्यवस्था को और मजबूत बनाने पर भी चर्चा होगी। इंवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के हिसाब से जीएसटी में बदलाव के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया गया है, इसलिए शनिवार को होने वाली बैठक में अब जीएसटी की दरों में बदलाव को लेकर कोई फैसला होने की उम्मीद नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि पुराने लंबित मुद्दों के साथ कारोबारियों के लिए जीएसटी प्रणाली को और सरल बनाने पर कुछ फैसले लिए जा सकते हैं।
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