Budget 2024: जनवरी का जीएसटी संग्रह 1.72 लाख करोड़, चालू वित्त वर्ष में दूसरा सबसे अधिक; सरकार ने जारी किए आंकड़े
GST Collections India जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। जनवरी माह का जीएसटी संग्रह 172129 करोड़ रुपए रहा जो चालू वित्त वर्ष 2023-24 में दूसरा सबसे अधिक संग्रह है। इससे पहले गत अप्रैल में सबसे अधिक 1.87 लाख करोड़ का जीएसटी संग्रह किया गया था। जनवरी माह का जीएसटी संग्रह पिछले साल जनवरी के मुकाबले 10.4 प्रतिशत अधिक है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। जनवरी माह का जीएसटी संग्रह 1,72,129 करोड़ रुपए रहा जो चालू वित्त वर्ष 2023-24 में दूसरा सबसे अधिक संग्रह है। इससे पहले गत अप्रैल में सबसे अधिक 1.87 लाख करोड़ का जीएसटी संग्रह किया गया था। जनवरी माह का जीएसटी संग्रह पिछले साल जनवरी के मुकाबले 10.4 प्रतिशत अधिक है।
जनवरी के जीएसटी संग्रह में और बढ़ोतरी की संभावना है क्योंकि यह 31 जनवरी की शाम पांच बजे तक का संग्रह है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में 16.69 लाख करोड़ का जीएसटी संग्रह किया गया जो पिछले वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में होने वाले 14.96 लाख करोड़ के संग्रह से 11.6 प्रतिशत अधिक है।
जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी खपत में तेजी को दर्शाता है
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के सभी 10 महीनों में जीएसटी का संग्रह 1.50 लाख करोड़ से अधिक रहा। जीएसटी संग्रह में राज्यों की भी हिस्सेदारी होती है। जीएसटी संग्रह में लगातार बढ़ोतरी खपत में तेजी को दर्शाता है क्योंकि जीएसटी संग्रह सीधे तौर पर वस्तु की बिक्री से जुड़ा है। वस्तु की बिक्री अधिक होने पर ही जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी होगी।दिसंबर तक सरकार की कमाई लगभग 21 लाख करोड़
दूसरी तरफ बुधवार को सरकार की राजस्व प्राप्ति का भी आंकड़ा जारी किया गया जिसके मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान सरकार को कुल 20,71,939 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई जो चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 76.3 प्रतिशत है। इस प्राप्ति में 17,29,931 करोड़ रुपए टैक्स के रूप में प्राप्त हए।सरकार का खर्च 30 लाख करोड़
आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-दिसंबर में सरकार का कुल व्यय 30,54,217 करोड़ का रहा जो चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 67.8 प्रतिशत है। 7,48,207 करोड़ रुपए ब्याज के मद में व्यय किए तो 2,76,804 करोड़ रुपए प्रमुख सब्सिडी में खर्च हो चुके हैं।