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Budget 2024 Update: Suryoday Yojana से 18 हजार करोड़ रुपये की होगी बचत, साथ ही बड़े पैमाने पर मिलेंगे रोजगार के अवसर

Budget 2024 Update 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए सूर्योदय योजना (PM Suryoday Yojana) का एलान किया था। बीते दिन अंतरिम बजट के भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना को आगे बढ़ाने की बात कही है। सरकार ने इस मद में 10 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया है। इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं।

By Jagran News Edited By: Priyanka KumariUpdated: Fri, 02 Feb 2024 09:11 AM (IST)
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Suryoday Yojana से 18 हजार करोड़ रुपये की होगी बचत
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से लौटने के बाद 22 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए सूर्योदय योजना (PM Suryoday Yojana) का एलान किया था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना को आगे बढ़ाने की बात कही है। सरकार ने इस मद में 10 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया है।

वित्त मंत्री ने बताया कि छत पर सौर प्रणाली लगाने से एक परिवार हर महीने 300 यूनिट तक की बिजली नि:शुल्क प्राप्त कर सकेगा। इससे देश के एक करोड़ परिवार वर्ष में 18 हजार करोड़ रुपये की बचत कर सकेंगे और साथ ही अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति बिजली वितरण कंपनियों को कर सकेंगे। इससे उन्हें अतिरिक्त आय भी हो सकती है।

वित्त मंत्री ने देश के ऊर्जा सेक्टर को लेकर सरकार की यह सोच सामने रखी है कि पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्त्रोतों को आगे भी तेजी से प्रोत्साहित किया जाएगा।अंतरिम बजट में यह भी बताया गया है कि वर्ष 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य को हासिल करने के लिए आगे क्या कदम उठाए जाने वाले हैं।

सौर ऊर्जा को कई तरह से पहले ही प्रोत्साहित करने का काम चल रहा है, अब पवन ऊर्जा लगाने वाली कंपनियों को भी अतिरिक्त फंड देने की व्यवस्था की गई है। अपतटीय पवन ऊर्जा में 1,000 मेगावाट बिजली बनाने के लिए कंपनियों को फंड दिया जाएगा।

वर्ष 2030 तक देश में कोल गैसीफिकेशन से 10 करोड़ टन क्षमता गैस निकालने का इरादा जताया है। जबकि देशभर में बायोगैस मिश्रित पीएनजी व सीएनजी उपलब्ध कराने का काम भी सरकार करने वाली है।

पीएनजी से रसोई गैस की आपूर्ति होती है, जबकि सीएनजी का इस्तेमाल मुख्य तौर पर ट्रांसपोर्ट सेक्टर में होता है। इनमें बायोगैस मिलाने से न सिर्फ प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी बल्कि बड़े पैमाने पर बायोगैस बनाने वाली कंपनियों का उद्भव भी संभव है।

सीतारमण ने यह भी बताया कि बायोगैस बनाने के लिए जरूरी उपकरण खरीदने के लिए भी सरकार वित्तीय मदद देगी।जहां तक हर परिवार को हर महीने 300 यूनिट नि:शुल्क बिजली मिलने की बात है तो इस बारे में वित्त मंत्री ने स्पष्टता से कुछ नहीं बताया। लेकिन बिजली मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यह मोटे तौर पर एक सौर पैनल लगाने से एक महीने में उत्पादित होने वाली बिजली के आधार पर है।

अगर हर परिवार रोजाना 10 यूनिट बिजली पैदा करता है तो यह महीने में 300 यूनिट होता है। हालांकि सौर पैनल से एक परिवार औसतन रोजाना 17-18 यूनिट बिजली पैदा कर सकता है। सौर बिजली की औसत कीमत 2.7 रुपये प्रति यूनिट लगाई गई है और इसके आधार पर सालाना एक परिवार को 18 हजार रुपये तक की बचत का दावा वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में किया है।

ई-बसों को मिलेगी प्राथमिकता

हरित ईंधन को बढ़ावा देने के संदर्भ में सरकार ने इलेक्टि्रक वाहनों के लिए जरूरी ढांचागत सुविधाओं पर जोर देने की अपनी प्रतिबद्धता जताई है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ई-वाहनों के निर्माण व चार्जिंग सुविधाओं में सहायता देगी और इनके इकोसिस्टम को सु²ढ़ करेगी। सामाजिक परिवहन में ज्यादा से ज्यादा इलेक्टि्रक बसों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जाएगा।

यहां यह याद दिला दें कि एक दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी अपने अभिभाषण में नवीकरणनीय ऊर्जा सेक्टर में मोदी सरकार की उपल्बधियों का पूरा ब्योरा दिया था कि कैसे पिछले 10 वर्षों में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता 26 गुना बढ़ी है।सौर व दूसरे नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के काफी अवसर पैदा होने की संभावना है।

इसका जिक्र वित्त मंत्री ने भी किया कि कैसे छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली लगाने व उनकी देखरेख के लिए बड़ी संख्या में वेंडरों की जरूरत होगी। इसमें तकनीकी कौशल रखने वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बनेंगे।

मार्च, 2023 में जारी एक अध्ययन के मुताबिक, वर्ष 2030 तक भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 35 लाख नई नौकरियां निकलेंगी। तब तक भारत की कुल ऊर्जा की स्थापित क्षमता में 50 प्रतिशत सौर, पवन, बायोगैस जैसे नवीकरणीय क्षेत्र की होगी