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Budget 2024: क्या आयुष्मान भारत में बुजुर्गों के इलाज में खर्च का दायरा बढ़ाएगी सरकार?

Ayushman Bharat Yojana देश में लाखों परिवार हर साल इलाज के खर्च की वजह से कर्ज के दलदल में फंस जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत बीमा कवरेज बढ़ाया जाना वरदान साबित हो सकता है। साथ ही सरकार अगर बुजुर्गों के लिए अलग से कवरेज का प्रावधान करती है तो लाखों परिवारों को राहत मिलेगी।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Sat, 20 Jul 2024 02:29 PM (IST)
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सरकार का आयुष्मान भारत योजना पर खास फोकस है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग ने अक्टूबर 2021 एक रिपोर्ट जारी की थी, 'भारत के लापता मध्य के लिए स्वास्थ्य बीमा'। इसमें दावा किया गया था कि देश की तकरीबन 30 प्रतिशत या 42 करोड़ आबादी के पास कोई स्वास्थ्य बीमा नहीं है। इसका मतलब कि अगर इन लोगों को कोई बीमारी होती है, तो उनके कमाई का बड़ा हिस्सा इलाज में खर्च हो जाता है।

सरकार भी बखूबी जानती है कि देश में हर साल लाखों परिवार इलाज में बेहिसाब खर्च के चलते गरीब हो जाते हैं। यही वजह है कि वह आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) पर फोकस बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अंतरिम बजट में आयुष्मान भारत के लिए आवंटन बढ़ाया था।

वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 27 जून को संसद की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में कहा था कि अब 70 साल से अधिक उम्र वाले सभी बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर किया जाएगा और उन्हें भी मुफ्त इलाज का लाभ मिलेगा। हालांकि, अभी भी आयुष्मान भारत को बेहतर करने की काफी गुंजाइश है और वित्त मंत्री निर्मला बजट में इसका एलान भी कर सकती हैं।

कैसे बेहतर होगा 'आयुष्मान भारत'?

इलाज का खर्च दिन-ब-दिन महंगा होता जा रहा है। ऐसे में आयुष्मान भारत के तहत मिलने वाली 5 लाख रुपये का सालाना बीमा कवरेज काफी कम लगता है। अगर इसमें इजाफा किया जाता है, तो योजना को लाभार्थियों को काफी राहत मिल सकती है। सरकार ने अतीत में संकेत भी दिया है कि वह आयुष्मान भारत के तहत बीमा कवरेज को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। ऐसे में हो सकता है कि बजट में इसका एलान हो जाए।

बीमा कवरेज बढ़ाने के फायदे

सरकार आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PJAY) के तहत लाभार्थियों की संख्या दोगुना करना चाहती है। अगर बीमा राशि दोगुनी होती है, तो सरकार को अपना लक्ष्य हासिल करने में काफी आसानी होगी। इससे सरकारी खजाने से प्रति वर्ष 12,076 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होगा। जानकारों का मानना है कि आयुष्मान योजना का दायरा बढ़ने से लाखों परिवारों को कर्ज के दलदल में फंसने से बचाया जा सकेगा।

बुजुर्गों के लिए क्या होगा खास?

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद की संयुक्त बैठक के दौरान अपने अभिभाषण में जो कहा था, उसके बाद यह तो तय है कि सरकार 70 साल से अधिक उम्र वाले सभी बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर करेगी। इससे लाभार्थियों की संख्या तकरीबन चार से पांच करोड़ तक बढ़ सकती है। देश के लगभग सभी परिवारों में बुजुर्गों का अक्सर इलाज ही चलता रहता है। ऐसे में उन्हें बीमा कवरेज देने से लाखों परिवारों को राहत मिलेगी।

क्या बुजुर्गों को मिलेगी रियायत?

सरकार बेशक आयुष्मान भारत के तहत बीमा कवरेज बढ़ाने पर विचार कर रही है। लेकिन, अभी भी अंग प्रत्यारोपण और कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज में काफी पैसे लगते हैं। साथ ही, ज्यादातर बुजुर्ग गंभीर बीमारियों के शिकार रहते हैं, जिनके लिए 10 लाख का भी कवरेज कम पड़ सकता है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में बुजुर्गों के लिए अलग से बीमा कवरेज का एलान कर सकती हैं।

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