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2030 तक भारत में सालाना एक करोड़ इलेक्टि्रक वाहनों की होगी बिक्री, EV उद्योग में पकड़ेगी रफ्तार

भारत के ईवी बाजार में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी (तकरीबन 75 फीसद) रखने वाली टाटा मोटर्स की सबसे सस्ती ईवी अगले महीने (जनवरी2024) में लाने की तैयारी है। इस लां¨चग के लिए ही हाल ही में कंपनी ने इलेक्टि्रक वाहनों के लिए विशेष शो रूम के नेटवर्क को खोलने की शुरुआत कर दी है। लेकिन ईवी बाजार में टाटा मोटर्स जो करने वाली है उसकी यह सिर्फ छोटी सी झलक है।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Sun, 24 Dec 2023 08:24 PM (IST)
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EV उद्योग में पकड़ेगी रफ्तार (Image: File)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वर्ष 2023 के पहले 11 महीनों में देश में इलेक्टि्रक वाहनों की बिक्री 50 फीसद बढ़ कर 13.87 लाख इकाइयां रही हैं और सड़क व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2030 तक भारत में सालाना एक करोड़ इलेक्टि्रक वाहनों की बिक्री होगी।

सिर्फ पांच वर्षों में भारत में इलेक्टि्रक वाहन (ईवी) उद्योग की ना सिर्फ एक मजबूत नींव पड़ चुकी है बल्कि तमाम अध्ययन यह बताते हैं कि भारत अगले एक दशक में दुनिया में ईवी उद्योग के सप्लाई चेन का एक अहम केंद्र के तौर पर स्थापित होगा।

नई रफ्तार पकड़ सकती है भारत की ईवी क्रांति

नई दिल्ली में पिछले हफ्ते समाप्त हुए ईवी एक्सपो यह बताता है कि ईवी उद्योग में नए अन्वेषण का केंद्र भारत बन रहा है। यहां के ईवी बाजार को गढ़ने में सिर्फ दिग्गज कंपनियों ही नहीं लगे हैं बल्कि मझोले व छोटी कंपनियां और स्टार्ट-अप की तैयारियां भी इस उद्योग के बेहतर भविष्य की तरफ इशारा करते हैं।अगर सिर्फ दिग्गज कार कंपनियों की बात करें तो वर्ष 2023 में देश की दो प्रमुख कार कंपनियां हुंडई और टाटा मोटर्स की ईवी बाजार में बेहद महत्वाकांक्षी माडलों की लांच होने वाली है।

भारत के ईवी बाजार में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी टाटा मोटर्स की

भारत के ईवी बाजार में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी (तकरीबन 75 फीसद) रखने वाली टाटा मोटर्स की सबसे सस्ती ईवी अगले महीने (जनवरी, 2024) में लाने की तैयारी है। इस लां¨चग के लिए ही हाल ही में कंपनी ने इलेक्टि्रक वाहनों के लिए विशेष शो रूम के नेटवर्क को खोलने की शुरुआत कर दी है। लेकिन ईवी बाजार में टाटा मोटर्स जो करने वाली है, उसकी यह सिर्फ छोटी सी झलक है। कंपनी की कम से कम तीन इलेक्टि्रक कारें अगले वर्ष भारत में आने वाली हैं।

इसके अलावा देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी हुंडई मोटर इंडिया की भारतीय बाजार के लिए तैयार की गई पहली ईवी (एसयूवी) में लांच होने जा रही है। किया मोटर्स भी इस दौड़ में है लेकिन भारतीय ग्राहकों के लिए उसकी पहली एसयूवी वर्ष 2025 के शुरुआत में लांच करने की तैयारी है। महिंद्रा एंड महिंद्रा की भी इलेक्टि्रक कार वर्ष 2024 के त्योहारी सीजन के आस-पास लांच करने की योजना है। यह तो हुई बड़ी दिग्गज कंपनियों की बात जो नई लां¨चग को लेकर है।

एक हजार से ज्यादा स्टार्ट अप इवी क्रांति को आगे बढ़ा रहा

इन कंपनियों के पास फंड भी है और आरएंडडी की भारी-भरकम टीम भी। लेकिन भारतीय ईवी क्रांति को सही मायने में नई ऊंचाई देने का काम इस उद्योग से जुड़े स्टार्ट अप कर रहे हैं। अथर इनर्जी, अल्टीग्रीन, ब्लूस्मार्ट, एक्पोनेंट इनर्जी जैसे एक हजार से ज्यादा स्टार्ट अप हैं जो इवी क्रांति को आगे बढ़ा रहे हैं। ये शहरों में वाणिज्यिक तिपहिया ईवी की आपूर्ति करने से लेकर छोटे-बड़े ईवी में इस्तेमाल होने वाले बैट्री की क्षमता बढ़ाने, चार्ज बैट्री को स्वैप करने और दूर-दराज के क्षेत्रों में ईवी की पहुंच बनाने का काम कर रहे हैं। कम से कम दो दर्जन स्टार्ट अप तो सिर्फ मेड इन इंडिया उत्पाद (ईवी उद्योग से जुड़े) बनाने से संबंधित हैं।

इन कंपनियों के बदौलत ही अगर आप ईवी दोपहिया वाहन चलाते हैं तो शीघ्र ही भारत निर्मित ऐसे उपकरण मिलेंगे जो आपके वाहन की माइलेज 20 फीसद तक बढ़ा देगी।इस क्रांति के बदौलत ही देश के कुल आटोमोबाइल बाजार में इलेक्टि्रक वाहनों की हिस्सेदारी में भी वर्ष 2024-2025 से तेजी से बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

तीनपहिया वाहन बाजार में दिखाई देगा बदलाव

शोध एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट कहती है कि कुल कारों में इलेक्टि्रक कारों की मौजूदा एक फीसद की हिस्सेदारी दो वर्षों में चार फीसद और वर्ष 2030 तक 15 फीसद, दोपहिया वाहनों में मौजूदा पांच फीसद से बढ़ कर 15 फीसद व 30 फीसद हो जाएगी। सबसे ज्यादा बदलाव तीनपहिया वाहन बाजार में दिखाई देगा, वहां बिजली से चालित वाहनों की हिस्सेदारी मौजूदा 7 फीसद से बढ़ कर 40 फीसद हो जाएगी।

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