बीमा सेक्टर में 74 फीसद एफडीआइ पर कैबिनेट की मुहर
एफडीआइ की सीमा बढ़ने से देश में बीमा का दायरा बढ़ाने में मदद मिलेगी। देश में लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम जीडीपी के 3.6 फीसद के बराबर है जो 7.13 फीसद के वैश्विक स्तर से बहुत कम है। जनरल इंश्योरेंस के मामले में स्थिति और भी खराब है।
By NiteshEdited By: Updated: Thu, 11 Mar 2021 10:04 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। कैबिनेट ने बीमा सेक्टर में 74 फीसद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) का रास्ता साफ करने के लिए बीमा कानून, 1938 में संशोधन पर मुहर लगा दी है। अभी जीवन बीमा एवं अन्य में 49 फीसद एफडीआइ की अनुमति है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में बीमा में एफडीआइ की सीमा को 74 फीसद करने का एलान किया था। इससे पहले 2015 में बीमा क्षेत्र में एफडीआइ की सीमा को 26 से बढ़ाकर 49 फीसद किया गया था।
एफडीआइ की सीमा बढ़ने से देश में बीमा का दायरा बढ़ाने में मदद मिलेगी। देश में लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम जीडीपी के 3.6 फीसद के बराबर है, जो 7.13 फीसद के वैश्विक स्तर से बहुत कम है। जनरल इंश्योरेंस के मामले में स्थिति और भी खराब है। वैश्विक औसत 2.88 फीसद है, जो भारत में मात्र 0.94 फीसद है। सरकार इंश्योरेंस इंटरमीडियरी में 100 फीसद एफडीआइ की अनुमति भी दे चुकी है। इनमें इंश्योरेंस ब्रोकर्स, इंश्योरेंस कंसल्टेंट्स, कॉरपोरेट एजेंट्स और थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर्स आते हैं।