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12 औद्योगिक स्मार्ट सिटी को कैबिनेट की मंजूरी, 40 लाख रोजगार की संभावना

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई थी। इस बैठक में रेलवे सेक्टर के साथ कई और अहम फैसले लिए गए हैं। बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम (National Industrial Corridor Development Programme) के तहत 12 इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी।

By Jagran News Edited By: Priyanka Kumari Updated: Wed, 28 Aug 2024 04:53 PM (IST)
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कैबिनेट ने दी 12 Industrial Smart City प्रोजेक्ट को मंजूरी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मैन्यूफैक्चरिंग का बड़ा इकोसिस्टम तैयार करने के लिए सरकार राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम (एनआईसीडीपी) के तहत दस राज्यों में 12 औद्योगिक स्मार्ट सिटी विकसित करने जा रही है। ये शहर देश के चह बड़े औद्योगिक कॉरिडोर के आसपास विकसित होंगे। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ने इन 12 शहरों की विकास परियोजना पर अपनी मुहर लगा दी।

28,602 करोड़ रुपये का होगा निवेश

इस साल जुलाई में पेश बजट में इन शहरों की स्थापना की घोषणा की गई थी। सरकार का अनुमान है कि इन 12 औद्योगिक शहर के विकास में 28,602 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इन शहरों में 1.5 लाख करोड़ का औद्योगिक निवेश आएगा जिससे 10 लाख प्रत्यक्ष तो 30 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां निकलेंगी। ये सभी औद्योगिक शहर प्लग एंड प्ले और वॉक-टू-वर्क जैसी सुविधाओं के साथ विकसित किए जाएंगे।

उद्यमियों को मिलेगी प्लग एंड प्ले सुविधा

प्लग एंड प्ले सुविधा के तहत उद्यमी को एक ही जगह पर मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी सभी सुविधाएं विकसित रूप में मिल जाती हैं और उन्हें सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग करना होता है। श्रमिक अगर पैदल टहलते हुए अपने कार्यस्थल तक पहुंच जाए, इसे वॉक-टू-वर्क सुविधा मानी जाती है। मतलब श्रमिकों को अपने कार्यस्थल पर जाने के लिए किसी वाहन या सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल नहीं करना पड़े। इससे उनके समय व पैसे दोनों की बचत होती है। मतलब मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के पास ही श्रमिकों के रहने की सुविधा विकसित की जाएगी।

जमीन उपलब्‍ध कराना राज्‍य सरकार की जिम्‍मेदारी

इन शहरों में निवेशकों के लिए जमीन पहले से तैयार रहेगी। उन्हें जमीन खोजने या फिर उसके लैंड यूज को बदलवाने या उस जमीन पर औद्योगिक यूनिट लगाने संबंधी काम के झंझट में नहीं पड़ना पड़ेगा। जिन राज्यों में ये 12 औद्योगिक शहर विकसित किए जाएंगे, वहां औद्योगिक यूनिट की स्थापना के लिए तमाम सुविधा से लैस जमीन उपलब्ध कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी होगी।

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वैश्विक सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बनेगा भारत

सरकार का मानना है कि बुधवार को लिए गए फैसले से भारत वैश्विक सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बन सकेगा और मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स व रक्षा के साथ अन्य सेक्टर के वैश्विक निवेशक भारत में मैन्युफैक्चरिंग के लिए अपना रुख करेंगे। औद्योगिक निवेश में सबसे बड़ी समस्या जमीन की होती है और इसका समाधान पहले से निकल जाने पर यह रास्ता आसान हो जाएगा।

इन राज्‍यों में बनेंगी औद्योगिक स्मार्ट सिटी

कैबिनेट के फैसले के मुताबिक औद्योगिक स्मार्ट सिटी से जुड़ी पांच परियोजनाएं अमृतसर-कोलकाता इंडस्‍ट्र‍ियल कॉरिडोर के तहत आएंगी। इनमें उत्तराखंड में स्थित खुरपिया, पंजाब के पटियाला में राजपुरा, उत्तर प्रदेश में आगरा और प्रयागराज तो बिहार में गया शामिल है। दिल्ली-मुंबई इंडस्‍ट्र‍ियल कॉरिडोर के दो परियोजनाएं महाराष्ट्र में दिघी और राजस्थान में जोधपुर-पाली शामिल है। विशाखापट्नम-चैन्नई इंडस्‍ट्र‍ियल कॉरिडोर, हैदराबाद- बंगलुरु इंडस्‍ट्र‍ियल कॉरिडोर, हैदराबाद नागपुर इंडस्‍ट्र‍ियल कॉरिडोर तो चेन्नई-बंगलुरु इंडस्‍ट्र‍ियल कॉरिडोर के तहत चार परियोजनाएं शामिल की गई हैं। इनमें आंध्र प्रदेश में कोप्पार्थी, ओरवाकई, तेलंगाना में जहीराबाद तो केरल में पालाकड शामिल हैं। चुनावी संहिता के कारण 12वीं परियोजना के नाम की घोषणा नहीं की गई है। इसका मतलब है यह परियोजना हरियाणा या जम्मू-कश्मीर में स्थित होगी।

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