Tax On PF Interest: ढाई लाख रुपये से अधिक योगदान करने वालों की ब्याज कमाई पर लगेगा टैक्स, कर गणना के नियम अधिसूचित
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में एक साल की अवधि में भविष्य निधि में कर्मचारियों और नियोक्ताओं के संयुक्त रूप से अधिकतम 2.5 लाख रुपये के योगदान पर मिलने वाले ब्याज को कर मुक्त रखने की सीमा तय की थी।
By NiteshEdited By: Updated: Fri, 03 Sep 2021 08:20 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। कर्मचारी के भविष्य निधि में एक साल में 2.5 लाख रुपये से अधिक योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स कैलकुलेशन के नियमों को नोटिफाई कर दिया गया है। इस बाबत गुरुवार को वित्त मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई। हालांकि, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बुधवार को भविष्य निधि में कर योग्य ब्याज की गणना के लिये नियमों को अधिसूचित कर दिया। नोटिफिकेशन के मुताबिक, आकलन के लिए भविष्य निधि खाते के तहत व्यक्ति के कर योग्य और गैर-कर योग्य योगदान को लेकर 2021-22 से अलग-अलग खाते बनाने होंगे। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के अंशधारकों की संख्या छह करोड़ से अधिक है।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में एक साल की अवधि में भविष्य निधि में कर्मचारियों और नियोक्ताओं के संयुक्त रूप से अधिकतम 2.5 लाख रुपये के योगदान पर मिलने वाले ब्याज को कर मुक्त रखने की सीमा तय की थी। इसका मकसद अधिक वेतन लेने वाले कर्मचारियों को अपनी अधिशेष राशि को भविष्य निधि में लगाने से रोकना है। क्योंकि अब पीएफ खाते में तय सीमा से अधिक के योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर कर लगाया जायेगा।
बता दें कि आयकर कानून नियम, 1962 में नियम 9डी जोड़ा गया है। इसमें साफ उल्लेख है कि पीएफ खातों में अलग से खाते बनाने होंगे। इसमें भविष्य निधि में कर योग्य और गैर-कर योग्य योगदान और उस पर मिलने वाले ब्याज को अलग-अलग दिखाना होगा।
नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के भागीदार शैलेश कुमार के मुताबिक, CBDT की अधिसूचना से चीजें स्पष्ट हुई हैं। इससे यह आशंका दूर हो गई जो निर्धारित सीमा से ऊपर के योगदान के साथ भविष्य निधि पर मिलने वाले ब्याज के ऊपर कराधान की घोषणा के साथ उत्पन्न हुई थी।
कुमार के अनुसार, 'यह व्यवस्था करदाताओं को कर वाले ब्याज की गणना की सुविधा देगा। जिन पीएफ खातों में नियोक्ता का भी योगदान होगा उनके लिये कर मुक्त योगदान की सीमा 2.5 लाख रुपये है, जबकि जिन पीएफ खातों में नियोक्ता का योगदान नहीं होगा उन भविष्य निधि खातों में 5 लाख रुपये की बढ़ी हुई सीमा तक कर मुक्त ब्याज का लाभ मिलेगा।'