2 हजार का नोट लेकर पेट्रोल-डीजल खरीदने टूट पड़े लोग, फ्यूल स्टेशनों पर एकदम से बढ़ गई नकद बिक्री
पेट्रोल पंप डीलरों ने कहा है कि 2000 रुपये के नोट को वापस लेने की शुक्रवार को आश्चर्यजनक घोषणा के बाद नकद बिक्री बढ़ गई है। स्थिति ये है कि ग्राहक पेट्रोल पंप पर 100/200 रुपये की छोटी खरीदारी के लिए 2 हजार का नोट पकड़ा रहे हैं। (फाइल फोटो)।
By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Mon, 22 May 2023 08:23 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। हाल ही में हुई 2,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा के बाद से रोज कोई न कोई खबर सामने आती है। देश के पेट्रोल पंप पर 2,000 रुपये के नोटों से ईंधन की नकद खरीद दैनिक बिक्री का लगभग 90 प्रतिशत हो गई है क्योंकि खरीदार पुराने नोटों से फ्यूल खरीदने के लिए टूट पड़े हैं। क्या है पूरी खबर, आइए जान लेते हैं।
2 हजार के नोटों से खूब खरीदा जा रहा है फ्यूल
पेट्रोल पंप डीलरों ने कहा है कि 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने की शुक्रवार को आश्चर्यजनक घोषणा से पहले नकद बिक्री केवल 10 प्रतिशत थी, अभी ये आकड़ा बढ़कर 10 से 90 प्रतिशत हो गया है। स्थिति ये है कि ग्राहक पेट्रोल पंप पर 100/200 रुपये की छोटी खरीदारी के लिए 2 हजार का नोट पकड़ा रहे हैं। वहीं, इस समस्या से परेशान पेट्रोल पंप डीलर अपने ग्राहकों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे ईंधन की खरीदारी के लिए कार्ड या डिजिटल भुगतान का उपयोग करें।
नोटबंदी में भी ऐसा ही हुआ था
8 नवंबर, 2016 को लगभग हुई नोटबंदी के दौरान भी ये समस्या सामने आई थी। देश में उपलब्ध 86 प्रतिशत करेंसी नोटों के विमुद्रीकरण के बाद पेट्रोल पंपों और कुछ अन्य दैनिक आवश्यक सेवाओं को पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, पेट्रोल पंप जल्द ही प्रतिबंधित नोटों को भंजाने का एक आउटलेट बन गए थे, जिसके कारण सरकार ने समय से पहले इस सुविधा को वापस ले लिया था।
चिंता में पेट्रोल पंप डीलर
पेट्रोल पंप डीलर संगठन के एक वरिष्ठ नेता द्वारा आरबीआई से यह भी अनुरोध किया गया कि वह बैंकों को पर्याप्त छोटे मूल्यवर्ग के नोट उपलब्ध कराने के लिए दिशानिर्देश दें। खासकर 2,000 रुपये के नोट के बदले पेट्रोल पंपों को मूल्यवर्ग के नोट उपलब्ध कराए जा सकें, ताकि हम अपने ग्राहकों को आसानी से सेवा दे सकें। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि पेट्रोल पंप डीलरों को फिर से समस्याओं का सामना करना पड़ेगा जैसा कि उन्होंने 2016 के नोटबंदी के दौरान किया था जब अधिकांश डीलरों को आयकर नोटिस मिला था या उनकी बिना किसी गलती के भी उन्हे दोषी ठहराया गया था।