CBIC अधिसूचनाओं की भाषा जटिल, इसका सरलीकरण जरूरी; आदेशों को समझने में मिलेगी मदद
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड की सीमा शुल्क के संबंध में अधिसूचनाओं में उपयोग की जाने वाली भाषा जटिल है और इसे सरल बनाने की जरूरत है। जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि आयात शुल्क को अधिसूचित करना सीबीआईसी का एक महत्वपूर्ण काम है। कंपनियां सीबीआइसी द्वारा अधिसूचित आयात शुल्क का भुगतान करती हैं लेकिन वे इसे खुद नहीं कर सकती हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की सीमा शुल्क के संबंध में अधिसूचनाओं में उपयोग की जाने वाली भाषा जटिल है और इसे सरल बनाने की जरूरत है। आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने कहा कि इससे उद्योग को इन आदेशों को समझने में मदद मिलेगी।
जीटीआरआई ने कहा कि सीबीआईसी को जरूरी विवरण वाली आसान अधिसूचनाओं का मसौदा तैयार करने में मदद के लिए संचार विशेषज्ञों की सेवाएं लेनी चाहिए।
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'...एक लाख से अधिक कंपनियों को मिलेगी मदद'
कंपनी ने कहा कि इससे 2023 में 660 अरब डॉलर से अधिक का माल आयात करने वाली एक लाख से अधिक कंपनियों को मदद मिलेगी और इससे सरकार को शून्य लागत के साथ व्यापार करने में आसानी होगी और भारतीय उद्योग को स्पष्टता का अत्यधिक लाभ मिलेगा। जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा,
यह भी पढ़ें: Share Market ने दुनिया में लहराया परचम, बरगद के पेड़ के नीचे से शुरू हुई ट्रेडिंग; आज बन गया विश्व का चौथा सबसे बड़ा बाजारआयात शुल्क को अधिसूचित करना सीबीआईसी का एक महत्वपूर्ण काम है। कंपनियां सीबीआइसी द्वारा अधिसूचित आयात शुल्क का भुगतान करती हैं, लेकिन वे इसे खुद नहीं कर सकतीं, क्योंकि सीबीआइसी अधिसूचनाओं में जटिल भाषा का उपयोग किया गया है और इनमें अधिकतर पिछली अधिसूचनाओं का संदर्भ दिया जाता है।'