Cement Price: 400 रुपये बोरी तक महंगी हो सकती है सीमेंट, निर्माण कार्यों पर पड़ेगा असर
सीमेंट कंपनियां कार्टेल बनाकर लगातार दूसरे माह सीमेंट की कीमत बढ़ा सकती है। आपको बता दें कि 1 अक्टूबर से इनकी कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है। इसका सीधा असर निर्माण कार्यों पर देखने को मिलेगा। इसके अलावा ऐसा माना जा रहा है कि सीमेंट की कीमतों में तेजी देखने के साथ सरिया की कीमतों में नरमी देखने को मिल सकती है।
By Jagran NewsEdited By: Priyanka KumariUpdated: Thu, 28 Sep 2023 12:29 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सीमेंट कंपनियां मांग कम होने के बावजूद कार्टेल बनाकर एक बार फिर एक अक्टूबर से 15 रुपये प्रति बोरी की बढ़ोतरी करने जा रही हैं। कंपनियों ने डीलरों को इसकी सूचना दे दी है। सीमेंट कंपनियों का कहना है कि उत्पादन लागत बढ़ जाने के कारण कीमत बढ़ाने जा रहे हैं। अगस्त तक 310 से 320 रुपये बोरी बिकने वाली सीमेंट की कीमत एक सितंबर को एक साथ 50 रुपये बढ़ा देने के बाद रिटेल में प्रति बोरी 360 रुपये पहुंच गई है।
अब कंपनियों द्वारा एक बार फिर बढ़ोतरी से यह बाजार में रिटेल में 400 रुपये बोरी तक पहुंच जाएगी। इसका असर निर्माण कार्यों पर पड़ना निश्चित है। दरअसल, बारिश की समाप्ति के दौरान ही सीमेंट कंपनियां कीमत बढ़ाती हैं, क्योंकि इसके बाद निर्माण कार्यों में तेजी आती है।
सीमेंट उत्पादन राज्य
देश की कुल जरूरत का 20 प्रतिशत उत्पादन छत्तीसगढ़ में होता है। आपको बता दें कि सीमेंट के उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ देश के प्रमुख राज्यों में शामिल है। देश की कुल जरूरत का लगभग 20 प्रतिशत सीमेंट का उत्पादन यहां होता है। यहां सीमेंट कंपनियों के 14 प्लांट संचालित हैं, जिनकी वार्षिक उत्पादन क्षमता लगभग 260 लाख टन है।आंध्र प्रदेश देशभर में सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक राज्य है। राजस्थान दूसरा, कर्नाटक तीसरा, मध्य प्रदेश चौथा सबसे ज्यादा सीमेंट उत्पादक राज्य है।
घट सकते हैं सरिया के दाम
वर्तमान में खुले बाजार में सरिया 59 हजार रुपये प्रति टन और फैक्टि्रयों में 56 हजार 500 रुपये प्रति टन बिक रहा है। कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में सरिया की कीमतों में और गिरावट आ सकती है। अभी बाजार में मांग कमजोर होने के साथ ही लौह अयस्क की कीमतों में भी गिरावट है। इसका असर ही बाजार में देखने को मिलेगा। बता दें कि बीते अप्रैल माह में सरिया 64 हजार रुपये प्रति टन पहुंच गया था।