Regional Rural Bank : क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को मजबूत करने पर सरकार का फोकस, आवंटित किए 6200 करोड़ रुपये
देश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) का इतिहास करीब 5 दशक पुराना है। इन बैंकों ने देश के ग्रामीण इलाकों के बदलावों को काफी करीब से देखा है। लेकिन अब ये बैंक आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों से जूझ रहे हैं। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने इन्हें मजबूत करने के लिए 6212.03 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इससे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अपने बहीखाते सुधारने में मदद मिलेगी।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली: केंद्र सरकार लगातार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। इस क्रम में सरकार ने ग्रामीण बैंकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए 6,212.03 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। यह राशि पुनर्पूंजीकरण योजना के तहत दी गई है।
बैंक पुनर्पूंजीकरण मतलब है, सरकारी बैंकों में अधिक पूंजी डालना, जिससे वे पर्याप्त पूंजी के मानदंडों को पूरा कर सकें।
RRB का जोखिम कम करने की कोशिश
यह राशि मिलने से RRB को पूंजी-जोखिम भारित परिसंपत्ति अनुपात (CRAR) नौ प्रतिशत पर बनाए रखने में मदद मिलेगी, जो 31 दिसंबर 2023 को 13.83 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्च स्तर पर था। वित्त वर्ष 2022-23 में RRB का शुद्ध लाभ 4,974 करोड़ रुपये रहा है। चालू वित्त वर्ष 2023-24 में तीसरी तिमाही तक RRB का शुद्ध लाभ 5,236 करोड़ रुपये हो गया है।यह भी पढ़ें : होली से पहले सोना खरीदने की चाहत रखने वालों के लिए गुड न्यूज, इतने रुपये लुढ़का सोना; चांदी के दाम भी गिरे
क्या होते हैं RRB
RRB यानी रीजनल रूरल बैंक एक तरह के कॉमर्शियल बैंक होते हैं। भारत सरकार अलग-अलग राज्यों में क्षेत्रीय स्तर पर इनका संचालन करती है। देश में पहला RRB गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर 1975 को खुला था, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में।फिलहाल, देश के 26 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों में टोटल 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक हैं। इनकी कुल 21,856 शाखाएं हैं।