जनगणना प्रबंधन से जुड़े कंप्यूटर सिस्टम 'संरक्षित' घोषित, आईटी एक्ट 2000 के तहत लिया गया निर्णय
केंद्र सरकार ने जनगणना प्रबंधन से जुड़े कई कंप्यूटर संसाधनों को संरक्षित घोषित कर दिया है। इसमें सेंसस मॉनिटरिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (CMMS) वेब पोर्टल मोबाइल एप्लीकेशन फॉर हाउस लिस्टिंग (HL) नेशनल पापुलेशन रजिस्टर (NPR) अपडेटेशन और उससे जुड़े एनपीआर के डाटाबेस का नाम शामिल है।
By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Tue, 08 Nov 2022 02:19 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार ने ऑफिस ऑफ रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर और उससे संबंधित एसोसिएट्स के महत्वपूर्ण सूचना के बुनियादी ढ़ांचे के कुछ कंप्यूटर संसाधनों को संरक्षित घोषित कर दिया है।
4 नवंबर को केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में बताया गया है कि केंद्र सरकार ने सेंसस मॉनिटरिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (CMMS) वेब पोर्टल, सेल्फ एनुमरेशन (SE) वेब पोर्टल, सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) वेब पोर्टल, मोबाइल एप्लीकेशन फॉर हाउस लिस्टिंग (HL), पापुलेशन एनुमरेशन (PE), नेशनल पापुलेशन रजिस्टर (NPR) अपडेटेशन और उससे जुड़े एनपीआर के डाटाबेस, सेंसस डाटाबेस, सीआरएस डाटाबेस, नेशनल डाटा सेंटर में मौजूदा कंप्यूटर रिसोर्सेज सेटअप, ओआरजीआई दिल्ली, डिजास्टर रिकवरी साइट (DRS) और बेंगलुरु और लखनऊ में मौजूद डाटा सेंटर (DC) को संरक्षित सिस्टम घोषित कर दिया है।
जनगणना शुरू होने से पहले महत्वपूर्ण निर्णय
केंद्र सरकार का ये निर्णय आईटी एक्ट 2000 के तहत लिया है और अधिसूचना जारी के बाद तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। बता दें, गृह मंत्रालय के द्वारा जारी की गई वार्षिक रिपोर्ट 2021-22 के मुताबिक, सेंसस मॉनिटरिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (CMMS) के साथ कई अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग अगली जनगणना में किया जाएगा। इसके साथ ही इस रिपोर्ट में बताया गया था कि आने वाली जनगणना में डाटा कलेक्शन डिजिटल होगा। जनगणना मोबाइल ऐप के जरिए की जाएगी।
Geospatial technology का उपयोग करके सरकार ने जनगणना करने के लिए कई नए कदम उठाए हैं। इसमें जनगणना होने से पहले देश के जिलों, कस्बों, कस्बों के वार्ड और गावों की मैपिंग शामिल है। देश में हर 10 साल में होने वाली जनगणना में कोरोना वायरस आने के कारण देरी हो चुकी है। फील्ड से जुड़ी हुईं गतिविधियों के साथ अन्य गतिविधियों को अगले आदेश तक के लिए रोक दिया गया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)ये भी पढ़ें-32 लाख शादियों से आर्थिकी को मिलेगी 3.75 लाख करोड़ की खुराक: सर्वे रिपोर्टDemonetisation: नोटबंदी के छह साल, बदला लेनदेन का तौर-तरीका, डिजिटल इकोनॉमी में कैश की धमक बरकरार