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गेहूं की कीमतों को कम करने के लिए सरकार ने शुरू किया ई-नीलामी, 21 सितंबर तक बेचा 18.09 लाख टन गेहूं

गेहूं की कीमतों के बढ़ जाने के बाद देश के सभी नागरिक काफी चिंतित है। गेहूं की कीमतों को कम करने के लिए सरकार ई-नीलामी के जरिये गेहूं बेच रही थी। यह नीलामी ओएमएसएस के तहत हुई है। इस ई-नीलामी में केंद्र सरकार 18.09 लाख टन गेहूं बेचा है। गेहूं के साथ चावल की भी ई-नीलामी की गई है। यह नीलामी 21 सितंबर 2023 तक आयोजित की गई थी।

By AgencyEdited By: Priyanka KumariUpdated: Fri, 22 Sep 2023 04:09 PM (IST)
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गेहूं की कीमतों को कम करने के लिए सरकार ने शुरू किया ई-नीलामी
 नई दिल्ली, एजेंसी। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने खुले बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत 13 ई-नीलामी में थोक उपयोगकर्ताओं को 18.09 लाख टन गेहूं बेचा है। यह ई-नीलामी के जरिये गेहूं बेचने से आटे की कीमतों को कम करने में मदद मिली है।

पिछले महीने 9 अगस्त को सरकार ने घोषणा की थी कि वह थोक उपयोगकर्ताओं को ओएमएसएस के तहत अतिरिक्त 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल बेचेगी। यह बिक्री ई-नीलामी के जरिये हुई है। यह ई-नीलामी साप्ताहिक होती थी। इसमें गेहूं 2,125 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य पर बेचा जा रहा है। यह मौजूदा न्यूनतम समर्थन मूल्य के बराबर है।

खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ओएमएसएस नीति के सफल कार्यान्वयन ने यह सुनिश्चित किया है कि खुले बाजार में गेहूं की कीमत नियंत्रण में रहें। वित्त वर्ष 2023-24 की शेष अवधि के लिए ओएमएसएस नीति को जारी रखने के लिए केंद्रीय पूल में गेहूं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है।

ई-नीलामी में 18.09 लाख टन गेहूं बेचा

खाद्य मंत्रालय ने बताया कि 21 सितंबर 2023 तक कुल 13 ई-नीलामी आयोजित की गई हैं। इसमें 18.09 लाख टन गेहूं बेचा गया है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान देश भर में 480 से अधिक डिपो बनाए गए है। इसमें हर सप्ताह नीलामी में 2 लाख टन गेहूं की पेशकश की जा रही है। मंत्रालय ने कहा कि ई-नीलामी में गेहूं का भारित औसत बिक्री मूल्य अगस्त में 2,254.71 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 20 सितंबर को घटकर 2,163.47 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।

खाद्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि गेहूं के भारित औसत बिक्री मूल्य में गिरावट का रुख बताता है कि खुले बाजार में गेहूं की बाजार कीमत ठंडी हो गई हैं। इसके अलावा आयोजित प्रत्येक साप्ताहिक ई-नीलामी में, बेची गई मात्रा प्रस्तावित मात्रा के 90 फीसदी से अधिक नहीं हुई है, जो दर्शाता है कि देश भर में गेहूं के पर्याप्त स्टॉक की पेशकश की जा रही है।