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CGHS New Rules: अब आसानी से होगा केंद्रीय कर्मचारियों का इलाज, सरकार ने जारी कर दी नई गाइडलाइन

CGHS New Rules केंद्रीय कर्मचारियों को मिल रहे केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) के नियमों में बदलाव कर दिया है। सरकार ने हेल्थ सर्विस को आसान बनाने के लिए यह बदलाव किया है। नए बदलावों के अनुसार अब इमरजेंसी में मरीज का इलाज आसानी से हो जाएगा। इसके अलावा कई स्पेशल बीमारी के लिए बार-बार रेफरल भी नहीं लेना होगा।

By Priyanka Kumari Edited By: Priyanka Kumari Updated: Thu, 26 Sep 2024 10:50 AM (IST)
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CGHS New Rules: अब आासनी से होगा इलाज
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों को केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) का लाभ मिलता है। अब सरकार ने CGHS के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की है। नई गाइडलाइन्स में कर्माचारी और उनके परिवार को कई सुविधाएं मिलेगी। दरअसल, सरकार ने इलाज और इमरजेंसी सर्विस को आसान कर दिया है। नए नियमों के अनुसार अब सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कंसल्टेशन, जांच और इलाज की सर्विस बेहतर हो जाएगी।

सरकार ने 24 सितंबर 2024 को ऑफिस मेमोरेंडम (OM) जारी किया था। इसमें सरकार ने CGHS के पुराने नियम को बदलकर नए नियम के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेस (SOP) जारी किया।

इमरजेंसी के नए नियम (CGHS New Rule)

CGHS के नए नियम के अनुसार इमरजेंसी में अब हेल्थकेयर ऑर्गनाइजेशन (HCOs) को CGHS से रेफरल या एंडोर्समेंट लेने की जरूरत नहीं होगी। इसका मतलब है कि अब सीजीएचएस में भी कैशलेस इलाज होगा। इसके लिए मरीज को अस्पताल से एक्सपर्ट से इमरजेंसी सर्टिफिकेट लेना होा और बाद में इसे बीसीए पोर्टल पर क्लेम के लिए अपलोड करना होगा।

इमरजेंसी इलाज कराते वक्त अगर कोई जांच या इलाज का नाम लिस्ट में नहीं होता है तब भी रेफरल की जरूरत नहीं है। अस्पताल आसानी से इसके लिए NHA पोर्टल से अनुमति ले सकता है। इसका मतलब है कि अब लोकल CGHS ऑफिस से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी।

रेफरल नियमों में बदलाव

नए नियमों के अनुसार अब कंलस्टेशन मेमो तीन महीने तक वैलिड रहेंगे। अगर कोई एक्सपर्ट रेफर करता है तो उस एक्सपर्ट से तीन महीने के अंदर छह बार कंस्लटेशन ले सकते हैं। वहीं, प्राइमरी कंलस्टेंट में दो बार एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं। बता दें कि यह नियम सरकारी अस्पताल के रेफरेल पर लागू नहीं होता है केवल GHS चिकित्सा अधिकारियों के रेफरेल पर लागू होता है।

वहीं सीजीएचएस के लाभार्थी जिनकी आयु 70 साल या उससे ज्यादा हो उन्हें एक्सपर्ट से कंलस्टेशन के लिए रेफरल की जरूरत नहीं है। यह लिस्टेड अस्पताल में सीधे इलाज करवा सकते हैं। अगर कोई जांच CGHS लिस्ट में नहीं है तब CGHS अधिकारियों से परमिशन लेनी होगी।

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बदल गए फॉलो-अप नियम

कई बीमारियों में लाभार्थियों को प्राइमरी रेफरल पर ही कंलस्टेशन और जांच अनुमति होगी। इसमें कोई समयसीमा नहीं है। इसका मतलब है कि इन बीमारियों के इलाज के लिए बार-बार रेफरल नहीं लेना होगा। ये बीमारियां हैं-

  • Post-cardiac surgery cases
  • Post-organ transplant cases
  • Post-neurosurgery cases
  • End-stage renal disease
  • Cancer Treatment
  • Autoimmune disorders
  • Neurological disorders
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