ICICI Bank को शिखर पर पहुंचाने वाली चंदा कोचर ने कुछ यूं खोई अपनी साख, जानें क्या था वीडियोकॉन लोन मामला
Chanda Kochhar ने एक मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में 1984 में आईसीआईसीआई बैंक से अपने करियर की शुरुआत की थी। वीडियोकॉन लोन घोटाले में नाम आने के बाद 2018 में उन्होंने बैंक प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर को शुक्रवार को कैश फॉर लोन घोटाले में सीबीआई की ओर से गिरफ्तार कर लिया गया है। एक समय था, जब चंदा कोचर का नाम देश के सबसे पावरफुल बैंकरों में शुमार किया जाता है।
कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक से 2018 में वीडियोकॉन को लोन देने को लेकर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया था।
ICICI Bank से की थी सफर की शुरुआत
कोचर ने एक मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में 1984 में आईसीआईसीआई बैंक से अपने करियर की शुरुआत की थी। कोचर को उस समय के ग्रुप चेयरमैन केवी कामथ के फेवरेट में से एक माना जाता था। इसके साथ उन्होंने 1990 में आईसीआईसीआई को एक रिटेल लेंडर से कमर्शियल बैंक बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
2009 में आईसीआईसीआई बैंक प्रमुख का पद संभाला
बैंक में कई सीनियर लोगों के होने के बावजूद उन्हें 2009 में कामथ के उत्तराधिकारी के रूप में चुना गया था। उनको मिली इस बढ़त के बाद शिखा शर्मा (एक्सिस बैंक की पूर्व प्रमुख) में बाहर हो गईं, जो कि रैंकिंग में उनसे वरिष्ठ थीं। इससे पहले वह बैंक में प्रबंधन में मुख्य भूमिका और रिटेल बिजनेस और चीफ फाइनेंशियल अफसर थी।
वीडियोकॉन लोन मामला
आईसीआईसीआई बैंक की ओर से वित्त वर्ष 2011 में वीडियोकॉन को 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया गया था। इसके बाद वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत और उनके पति दीपक कोचर के बीच व्यापारिक संबंधों का खुलासा हुआ था। धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी में निवेश किया था। वहीं, कोचर ने इस बात का खुलासा नहीं किया था कि ये लोन वीडियोकॉन को कंसोर्टियम के हिस्से के रूप में दिया गया था, जिसके बाद सीबीआई, ईडी और एसएफआईओ सहित कई एजेंसियों ने जांच की और उन्हें कल गिरफ्तार कर लिया गया।
उनके कार्यकाल में आईसीआईसीआई बैंक का प्रदर्शन
प्रदर्शन के लिहाज से देखा जाए तो चंदा कोचर के कार्यकाल में आईसीआईसीआई बैंक सिस्टम में दूसरा सबसे बड़ा और निजी बैंकों में सबसे बड़ा बैंक था, लेकिन उनका कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही वह तीसरे स्थान पर फिसल गया और एचडीएफसी के बाद दूसरा स्थान पर आ गया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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