Taxpayer के लिए बदल गया ITR फॉर्म, आईटीआर फाइल करने से पहले जान लें क्या-क्या हुआ बदलाव
अगर आप भी देश के ईमानदार टैक्सपेयर हैं तो यह खबर आपके लिए ही हैं। दरअसल आयकर विभाग ने इस बार आईटीआर फॉर्म में कुछ बदलाव किए हैं जिसे आपको जानना चाहिए। 31 जुलाई 2023 से पहले सभी टैक्सपेयर को आईटीआर दाखिल करना जरूरी है। आयकर विभाग की ओर से किए गए बदलाव को आपको आईटीआफ फाइल करने से पहले जान लेना चाहिए।
नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: 31 जुलाई 2023 से पहले सभी टैक्सपेयर को अपने वित्त वर्ष 23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करना जरूरी है। अगर आप इस डेट को चूक जाते हैं तो फिर आपको आईटीआर दाखिल करने के लिए पेनाल्टी भरना होगा।
आप अपना आईटीआर, आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भर सकते हैं। यहां आपको बता दें कि इस बार आयकर विभाग ने आईटीआर फॉर्म में कुछ बदलाव किए हैं जिसे आपको आईटीआर फाइल करने से पहले जानना चाहिए। चलिए एक एक कर आपको बतातें हैं कि आईटीआर फॉर्म में क्या-क्या बदलाव हुए हैं।
धारा 80G के तहत डिडक्शन के लिए होगी ARN डिटेल की जरूरत
इनकम टैक्स की धारा 80G के तहत अगर किसी ने वित्त वर्ष 23 में कोई दान दिया है तो वो टैक्स डिडक्शन के लिए पात्र है लेकिन इसके लिए टैक्सपेयर को ARN नंबर देना होगा। आपको बता दें कि दान पर 50 प्रतिशत कटौती मिलती है।
डिजिटल एसेट्स का देना होगा ब्यौरा
अगर आपके पास कोई डिजिटल एसेट है जिससे आपकी कमाई आ रही है तो अब आपको उसका भी ब्यौरा देना होगा। 1 अप्रैल 2022 से वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) से संबंधित इनकम पर आयकर विभाग ने कुछ स्पेसिफिकेशन जोड़े हैं।
आईटी की धारा 194S के तहत टीडीएस क्रिप्टो के ट्रांजेक्शन पर लागू होगा। मतलब अगर किसी ने पिछले वित्त वर्ष में क्रिप्टो से कोई इनकम कमाई है तो अब उसका सारा डिटेल देना होगा। इसके अलावा फॉर्म 26AS और AIS को सत्यापित करना भी जरूरी है।
89A पर मिलने वाले छूट पर अब देना होगा डिटेल
धारा 89A के तहत आयकर विभाग की ओर से देश में रखे गए सेवानिवृत्ति लाभ खातों से इनकम पर टैक्स से छूट मिलती है। अगर आपको ऐसा दावा करना है तो आपको वेतन वाले सेक्शन इससे जुड़े सभी डिटेल देने होंगें।
इंट्राडे ट्रेडिंग की देनी होगी जानकारी
अगर आप शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडिंग से इनकम जनरेट करते हैं तो अब आपको इसकी जानकारी आईटीआर फॉर्म के 'ट्रेडिंग अकाउंट' के तहत देनी होगी।
विदेशी संस्थागत निवेशक की जानकारी
अगर टैक्सपेयर विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) है, या सेबी के साथ रजिस्टर्ड विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) है तो अब उसे सेबी रजिस्ट्रेशन नंबर की भी जानकारी देनी होगी।